Tuesday, 6 September 2011

लक्ष्मण रेखा Posted by संगीता स्वरुप ( गीत ) : मेरी टिप्पणी

File:Ravi Varma-Ravana Sita Jathayu.jpg
लक्ष्मण रेखा लाँघती, खतरे से अनजान |
बीस निगाहें घूरती, रावण साधु समान |

रावण साधु समान, नहीं खर-तृण से डरता |
नहीं मृत्यु का खौफ, हबस बस पूरी करता |

सीता रहो सचेत, ताक में रावण प्रतिक्षण |
खींचो खुद से रेख, रेख क्यूँ खींचे लक्ष्मण ||

इसको  भी  क्लिक  कर  दें ---बेचारा 
मुलायम सी लक्ष्मण-रेखा लांघ बैठा  

अमर दोहे

9 comments:

  1. Pak job Ads and advertisements for Karachi,Lahore,Quetta,Peshawar,Multan,Hyderabad,Rawalpindi,Islamabad and http://allpkjobz.blogspot.comall cities of Pakistan

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  2. वाह!
    बहुत बढ़िया!
    टिप्पणी में भी रचनाकारी!

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  3. वाह: बहुत सुन्दर टिप्पणी रच डाली..बधाई..

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  4. सही टिइपणीकारी है....

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  5. आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार!!

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  6. सटीक टिप्पणी के लिए आभार ... सार्थक प्रस्तुति

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  7. दोहावली में टिपियाये रविकर जी ,सतसैया शर्माए दिनकर जी !

    राजनीति में प्रदूषण पर्व है ये पर्युषण पर्व नहीं .

    कबीरा खडा़ बाज़ार में

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  8. bilkul steek ji

    kripya mere blog par bhi aayen..
    aabhar.

    http://umeashgera.blogspot.com/

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  9. ये टिपण्णी भी कमाल रही ...

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