Wednesday, 28 September 2011

क्या चाहे नायिका ??

 नायिका उवाच-

पन-घट   पर का    घट-पना, 
परकाकर   के   खूब |
 
घरजाया  -  घोटक  -  घटक, 
डिंगल - डीतर  डूब ||
डिंगल=दूषित नीच अधम  
डीतर=पीछा करने वाला
परका=चस्का लगा 
घरजाया=घर का दास 
घोटक= घोड़ा
घटक=बिचौलिया, विवाह सम्बन्ध निश्चित कराने वाला |

6 comments:

  1. अच्छा हुआ आपने जो अर्थ भी लिख दिया !बहुत अच्छी क्षणिका !नवरात्रि की शुभकामना !

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  2. अनुप्रासिक सुन्दर भावपूर्ण सह -भावित कणिका .

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  3. बहुत सुंदर

    मुझे एक पंक्ति याद आ रही है

    मंदिर के हिरिक हिरिक
    नाचै थें थिरिक थिरिक
    गंगा जल छिरिक छिरिक
    दर्शन को जात हैं।..

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  4. सुन्दर और रोचक

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  5. बहुत बढ़िया शब्दों में बाँधा है आपने!

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  6. शब्दों का चमत्कार, सुंदर अति अनूप.

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