अच्छा हुआ आपने जो अर्थ भी लिख दिया !बहुत अच्छी क्षणिका !नवरात्रि की शुभकामना !
अनुप्रासिक सुन्दर भावपूर्ण सह -भावित कणिका .
बहुत सुंदरमुझे एक पंक्ति याद आ रही हैमंदिर के हिरिक हिरिकनाचै थें थिरिक थिरिकगंगा जल छिरिक छिरिकदर्शन को जात हैं।..
सुन्दर और रोचक
बहुत बढ़िया शब्दों में बाँधा है आपने!
शब्दों का चमत्कार, सुंदर अति अनूप.
अच्छा हुआ आपने जो अर्थ भी लिख दिया !बहुत अच्छी क्षणिका !नवरात्रि की शुभकामना !
ReplyDeleteअनुप्रासिक सुन्दर भावपूर्ण सह -भावित कणिका .
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteमुझे एक पंक्ति याद आ रही है
मंदिर के हिरिक हिरिक
नाचै थें थिरिक थिरिक
गंगा जल छिरिक छिरिक
दर्शन को जात हैं।..
सुन्दर और रोचक
ReplyDeleteबहुत बढ़िया शब्दों में बाँधा है आपने!
ReplyDeleteशब्दों का चमत्कार, सुंदर अति अनूप.
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