Sunday 29 May 2011

भट्टा-परसौल from " kuchh kahna hai"

                              (१)  

दिल्ली के आस-पास, भूमि अधिग्रहण नीति से नाराज किसानों का खून लगा खौलने--  प्रशासन ने लगा दी आग, गौतम-बुद्ध ( नगर) के ग्राम भट्टा-परसौल में ---पहले भी दादरी, जैतापुर और नंदीग्राम में---राज्य-सरकारें, नाकाम रहीं है इस काम में----वाणिज्यिक या रिहायसी, उपयोग की ज़मीन लाख रुपये प्रति मीटर ----एक्सप्रेस वे आदि के लिए उतनी ही तीन सौ रूपये के भीतर-----रियल स्टेट को सरकारे,  कराती हैं भारी मुनाफा--बिरोध करने पर बर्बर पुलिस, किसानों की तोडती है टाँगे उछालती है पगड़ी, जलाती है साफा---राहुल करने चल पड़ते हैं दिग्विजय, राजनाथ छोड़ देते हैं रोटी-इधर माया चले मस्त चाल, करे लाल, फिर से अपनी गोटी                      

                    (२)
बढती अर्थव्यवस्था, नौ की दर---  
मांगती है अच्छी सड़कें, अबाध बिजली
नए बाँध, कारखाने और नए  शहर---
शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य-सुविधाएं 
तो अब बदलनी पड़ेगी  भूमि अधिग्रहण की विधाएं --
शहरी एवं ग्रामीण जीवन स्तर--  
जबरदस्त तरीके से बढ़ रहा है अंतर--
पडेगा पाटना--
और बंद करना पड़ेगा लोगों को
भारत और इंडिया में बांटना ---                     


  (३) 
आखिर त्रस्त जनता ने बदल दिया तख़्त-ओ-ताज 
बंगाल में आया ममता दीदी का नया राज
 कहते हैं की आप हैं बड़ी तुनुक-मिजाज 
रखियेगा ख्याल
बढे बंगाल                

       (४)
जयललिता
ऐश्वर्य की मलिका
भ्रष्टाचार ने डुबोई थी नैया
इस बार भ्रष्टाचार ही पार लगैया
करो कुछ जूतियों का दान

तुम्हे बना देगा सचमुच महान

4 comments:

  1. आखिर त्रस्त जनता ने बदल दिया तख़्त-ओ-ताज
    बंगाल में आया ममता दीदी का नया राज
    कहते हैं की आप हैं बड़ी तुनुक-मिजाज
    रखियेगा ख्याल
    बढे बंगाल

    (४)
    जयललिता
    ऐश्वर्य की मलिका
    भ्रष्टाचार ने डुबोई थी नैया
    इस बार भ्रष्टाचार ही पार लगैया
    करो कुछ जूतियों का दान
    तुम्हे बना देगा सचमुच महान
    dinesh ji aapki lekhni bahut sateek v sarthak lekhan karti hai.achchha laga ki sarkar me baithkar bhi aapme samvedna v sahi bat kahne kee bhavna hai.mere blog kaushal par aane ke liye hardik dhanyawad.
    please word veri fication hata den go to settings>comment>verification.

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  2. " जहाँ जिसका दांव पड़ जाता है वही दूसरे पक्ष को दबा डालता है.."

    कही हम सोसल एनिमल, सोसल कम
    एनिमल ज्यादा तो नहीं हो रहे हैं.
    ZEAL यानि डाक्टर दिव्या का भक्त बन चुका हूँ ....

    उपरिमुद्रित पंक्ति में आपके विचारों की मजबूती,
    आपकी छोटी बहन के शब्दों में कहें की जिद (to express truth) की झलक है,

    अत्यंत प्रभावित,

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  3. तो अब बदलनी पड़ेगी भूमि अधिग्रहण की विधाएं

    http://shayaridays.blogspot.com

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  4. आप आये,
    कई पोस्टों के पार |
    आपका
    आभार ||

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