Thursday 14 June 2012

लिस्ट हाथ में थाम, बाम माथे पे मलना

"चाँद मान भी जा "

Sushil 

चाँद सितारे चाहता, भंवरा खुश्बू फूल ।
लगता फिर से हिल गई, है  दिमाग की चूल । 

है दिमाग की चूल, गधे सी सोच बना ले ।
सीवर में हर बार, चोंच की लोट लगा ले ।

लिस्ट हाथ में थाम, बाम माथे पे मलना ।
निपटाओ हर काम, चाल न कहीं बदलना ।।



4 comments:

  1. कुछ भी लिख लो क्या जाता है
    रविकर उस पर टिपियाके
    मृ्त लिखे में प्राण ले आता है ।

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  2. टिप्पणी के रूप में सभी कवित्व बहुत सटीक हैं।

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