Thursday 1 November 2012

फरमानों की खेप सौ, गई खाप यह खेप-




करवाचौथ पर...

प्रवीण शाह 
 सामाजिक दुर्व्यवस्था, बिधवा संग बर्ताव ।
निकृष्टतम होता रहा, रखें लोग दुर्भाव ।
 रखें लोग दुर्भाव, जानवर से भी बदतर ।
इसीलिए मन-भाव, सुहागिन का यह अक्सर ।
रहा समय अब बदल, सुरक्षा की गारंटी ।
इसीलिए पट रही, जमाना बबली-बंटी ।।


तुम तो भूखी एक दिन, सैंयाँ बारम्बार-

 आभारी है पति-जगत, व्रती-नारि उपकार ।
नतमस्तक हम आज हैं, स्वीकारो उपहार ।।
(महिमा )  
नारीवादी  हस्तियाँ,  होती  क्यूँ  नाराज |
गृह-प्रबंधन इक कला, ताके सदा समाज ||

 मर्द कमाए लाख पण,  करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी  बिना,  डूबा  हुआ  जहाज  ||

महका मधुबन

Dr.NISHA MAHARANA  

 महका मधुवन मनकरा, मिलता मग मनमीत । 
मन मचले मचरंग मनु, परख प्रियतमा प्रीत ।
परख प्रियतमा प्रीत, पाण्य यह पाणिकरण है ।
नैनों में है स्नेह, अनोखा लगे वरण  है ।
दस दीपों से शब्द, निशा देती तू चहका ।
   बहना को आशीष, रहे घर महका महका ।।

 सफ़ेद घर
फरमानों की खेप सौ,  गई खाप यह  खेप ।
पहले मारें भ्रूण में, होय बचे से रेप ।
होय बचे से रेप, अरे नामर्दों सुन लो ।
एक सुरक्षा कवच, गर्भ-कन्या हित बुन लो । 
मुस्टंडों का व्याह, समय पर अगर कराओ ।
गलत होय नहिं राह, सुता अनुपातिक लाओ ।

 मेरे गीत ! 

छाया बाजारी-करण, चमक दमक का दौर ।
ब्रांडेड मानव छा रहे, देशी पर नहिं गौर ।
देशी पर नहिं गौर, रसोई हुई विदेशी ।
गुझिया को नहीं ठौर, बेंचते बच्चन वेशी ।
क्या बोलेंगे लोग, यही हमको बहकाया ।
घटिया घर का माल, पड़े नहीं इसकी छाया ।

तुम्हे पाने की जिद

"अनंत" अरुन शर्मा  
दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की )
बंदिश समझो बन्दगी, इधर उधर मत ताक ।
बहु-तेरे है ताक में, तेरे आशिक-काक ।
तेरे आशिक-काक, रंजिशे रविकर रखते ।
रही उन्हीं की धाक, हमेशा साजिश करते ।
बारिस में मत भीग, मिलेगा उन्हें बहाना ।
मत कर जिद नादिरे, प्यार तेरा है पाना ।।

 रिपोर्ट नार्मल 
 पानी पी पी कोसता, चले अढ़ाई कोस
खून हुआ पतला बहुत, बड़ा खून का जोश

बड़ा खून का जोश,  तेल मालिस में आगे ।   
मोटी चमड़ी होय, टेस्ट क्यूँ  करे अभागे ।

लगा कलेजे आग, पड़े न दौरा जानी ।
सुबह सवेरे जाग, गुनगुना पी ले पानी ।।

4 comments:

  1. आपका जबाब नहीं ..
    बहुत बढिया

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  2. रविकर सर वाह क्या बात है लाजवाब सर

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  3. लाजबाब,बहुत उम्दा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति,,,रविकर जी,,,,
    सभी ब्लॉगर परिवार को करवाचौथ की बहुत बहुत शुभकामनाएं,,,,,

    RECENT POST : समय की पुकार है,

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