Friday 15 June 2012

आंसुओं की धार से उद्धार चाहे-


आंसुओं की धार से उद्धार चाहे,  बहुत अच्छे ।
याद हरदम आपकी सुधबुध भुलाए,  बहुत अच्छे

पैर में हों बेड़ियाँ अवरोध आये तेज गति में-
दो पंख दे दो ताकि तेरे पास आयें , बहुत अच्छे

लालसा यह मोह माया भूख सारी छीन लो
रीते नयन में ताकि तुमको बसायें,  बहुत अच्छे ।। 

चाँद ने चांदनी लुटाई

Asha Saxena 
 

सैकड़ों पूनम बिखेरी चांदनी,  
 ख़ास थी पर शरद वाली, ठीक दीदी ।
वह सुहावन मनभावन शीतलता 
हृदय में अमरत्व पाली, ठीक दीदी ।।

  कार्टून:- लो और सुनो...

स्वामी स्वामी राष्ट्र के, अच्छी नेक सलाह ।
बड़े मुकदमें बंद हों, वाह वाह वल्लाह ।
वाह वाह वल्लाह , नया मनमोहन पाओ ।
मन-माफिक हो राह, मुहर मन भर लगवाओ ।
कर रविकर आगाह,  किया बाबा बदनामी ।
ताक -झाँक का शाह, बड़ा नटखट है स्वामी ।।

5 comments:

  1. ऐसा लगा मानों हमारी रचना की ताजपोशी हो गयी हो....
    शुक्रिया रविकर जी.

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  2. लगा क्या?
    वाकई हो गयी ।
    रविकर जी कर चुके बधाई ।

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  3. बहुत सुन्दर...

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