Thursday 14 June 2012

प्रेम के पेड़े बुझायें आग अब तो -


डीज़ल एग्जास्ट धुंआ बन सकता है लंग कैंसर की वजह

लंग कैंसर से लड़े, अदना मानव जंग |
धूम्रपान तो रोकता, तेल धुवाँ से दंग | 
तेल धुवाँ से दंग, बढ़ी गाड़ी की गिनती |
जल डीजल पेट्रोल, प्रदूषण झेल मेहनती |
रोगी बनते जात, लंग से है लंगडात़ा |
मौत मिले सौ बार, नहीं छुटकारा पाता ||

बालतोड़ और चिदंबरम

बालतोड़ पे बलबला, देत मिनिस्टर पीर |
सतफुड़िया से बिलबिला, जो है विकट अधीर |
कब से विकट अधीर, सिलसिला चालू चक्कर |
मैया रही सँभाल, निकलती एक-एक कर |
बीबी बेटा दुष्ट, रुष्ट होकर के कोसें |
पर मैया संतुष्ट, प्यार से मुझको पोसे ||

सूफ़ी सिलसिला-१

मनोज कुमार
विचार  


सूफी मत को निकट से, जान सका आभार |

प्रेम समन्वय श्रेष्ठता, ईश्वर मूलाधार ||
 

कार्टून:- ये हुआ कल

ममतामयी मुलामियत, मनमोहनी मिजाज |
अपना खूंटा गाड़ते, हैं इसमें क्या राज ?

हैं इसमें क्या राज, लाज की सोनी कुड़ियां |
देख बिगड़ते काज, भेंटती पैकेज पुड़ियाँ |

बंग करे न तंग, प्रांत उत्तर उत्तमता |
रह जायेंगे दंग, बड़ी बरसेगी ममता ||

5 comments:

  1. वाह ... बहुत बढिया।

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  2. वाह: क्या बात है ? बहुत सुन्दर..

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  3. गुप्ताजी सभी लिनक्स अच्छे है !बधाई

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