गौ माता का दूध तो, है ही अमृत तुल्य |
तेरा गोबर मूत्र भी, औषधि रूप अमूल्य |
औषधि रूप अमूल्य, गाय इक और दुधारू| ||
करदाता वह गाय, हमेशा खुद पर भारू |
कर शोषण सरकार, बनी है भाग्य विधाता |
बकरी पीती दूध, दुही जाये गौ माता ||
तेरा गोबर मूत्र भी, औषधि रूप अमूल्य |
औषधि रूप अमूल्य, गाय इक और दुधारू| ||
करदाता वह गाय, हमेशा खुद पर भारू |
कर शोषण सरकार, बनी है भाग्य विधाता |
बकरी पीती दूध, दुही जाये गौ माता ||
No comments:
Post a Comment