घोड़ा तो फिर से बिका, गया बेच के सोय।
लुटा माल-असबाब कुल, सौदागर ले रोय।
लुटा माल-असबाब कुल, सौदागर ले रोय।
सौदागर ले रोय, उसे रविकर समझाते |
निद्रा मृत्यु समान, नींद में पैर हिलाते |
मान अन्यथा लाश, सजा दे चिता निगोड़ा |
दुनिया तो बदनाम, बेच दे लंगड़ा घोड़ा ||
बढ़िया :)
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति.....बहुत बहुत बधाई.....
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