Wednesday 11 July 2012

खोल मेडिसिन बॉक्स, रिस्क पर सिरप पिलाता-


माहिर बनते जा रहे, नव-दंपत्ति महान |  
 रविकर बामुश्किल हुई, एक अदद संतान |

एक अदद संतान, अगर सर्दी-ज्वर आता |
खोल मेडिसिन बॉक्स, रिस्क पर सिरप पिलाता  |


बच्चा मारक कष्ट, नहीं गर करता जाहिर |
ऐंठन,मूर्छा, मृत्यु, कहें हो सकती माहिर ||

खून के रिश्ते पानी होते हमने देखे .

शिखा कौशिक at भारतीय नारी  

खून-पानी एक करके धर दिया है ।
गाँव को भी लाश से ही भर दिया है ।

हर जगह अब चल रही खूनी हुकूमत -
खून के आंसू रुला सब हर लिया है ।

खूं-पसीना एक करके बाप पाले-
पड़ा लथ-पथ खून घर में कर दिया है ।

लोथड़े को खून से सींची महीनों -
प्राण पाकर पुत्र ने नौकर किया है । 

"अब तो समझ "

सुशील at "उल्लूक टाईम्स "
तितली उड़ कौआ उड़ा, उल्लू उड़ा बताय |
आज उड़ाते पेड़ भी, धरा सफा हो जाय |
धरा सफा हो जाय, पेड़ पर नंबर ज्यादा |
पक्षी सारे आज, बदलने लगे इरादा |
वैसे उड़ते लोग, उड़ाते बाप कमाई |
बच्चों का यह खेल, बड़ी बेईमानी लाई ||


4 comments:

  1. लोथड़े को खून से सींची महीनों -
    प्राण पाकर पुत्र ने नौकर किया है ।
    मार्मिक प्रस्तुति .सर चढ़ बैठी हैं आपकी कुंडली .शुक्रिया .

    ReplyDelete
  2. लोथड़े को खून से सींची महीनों -
    प्राण पाकर पुत्र ने नौकर किया है । मार्मिक प्रस्तुति .सर चढ़ बैठी हैं आपकी कुंडली .शुक्रिया .

    ReplyDelete
  3. मशीन में डाली
    और एक कुंडली बनाली !!!

    ReplyDelete