केजरीवाल की खुजली और गैस के दाम
ZEAL
बानी केजरि वाल की, प्रश्न रही है दाग |
नमो न मो दी गैस नूँ , आग लगा के भाग |
आग लगा के भाग, भाग सरकार छोड़ के |
गुणा-भाग में लाग, नियम कानून तोड़ के |
है सांसत में जान, बिगड़ती राम-कहानी |
खाँसी से नादान, भगाएगा अम्बानी ||
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राहुल की रेली मे आओ 300 रुपये पाओ ( वीडियो सबूत )
SACCHAI
मज़बूरी मजदूर की, भैया पहले जान |राहुल बाबा से रही, है पहचान पुरान |
पहचान पुरान, फीस तो नहीं लगाए |
देना पड़ता पॉंच, यहाँ पर किन्तु कमाए |
दिनभर की जो आय, आय के देते पूरी |
जय जय राहुल राज, राज रखना मजबूरी ||
साही की शह-मात से, है'रानी में भेड़ |
खों खों खों भालू करे, दे गीदड़ भी छेड़ |
दे गीदड़ भी छेड़, ताकती ती'जी ताकत |
हाथी बन्दर ऊंट, करे हरबार हिमाकत |
अब निरीह मिमियान, नहीं इस बार कराही |
की काँटों से प्यार, सवारी देखे साही ||
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दिल्ली को तहरीर चौक बनाना चाहता था - केजरीवाल की साजिश ( वीडियो )
SACCHAI
पाना-वाना कुछ नहीं, फिर भी करें प्रचार |
ताना-बाना टूटता, जनता करे पुकार |
जनता करे पुकार, गरीबी उन्हें मिटाये |
राजनीति की मार, बगावत को उकसाए |
आये थे जो आप, मिला था एक बहाना |
किन्तु भगोड़ा भाग, नहीं अब माथ खपाना ||
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पोल खोलते पोपले, सन चौदह के पोल |
किन्तु ढोल में पोल है, कौन सकेगा खोल |
कौन सकेगा खोल, खोल में बैठे छुपकर |
रे मौसेरे चोर, प्रलापी अबतो चुपकर |
कर्महीन-ई-मान, फटाफट रस्ता नापो |
नहीं काम पर ध्यान, व्यर्थ में कागज़ छापो ||
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पाना-वाना कुछ नहीं, फिर भी करें प्रचार |
ReplyDeleteताना-बाना टूटता, जनता करे पुकार |
जनता करे पुकार, गरीबी उन्हें मिटाये |
राजनीति की मार, बगावत को उकसाए |
आये थे जो आप, मिला था एक बहाना |
किन्तु भगोड़ा भाग, नहीं अब माथ खपाना ||
बानी केजरि वाल की, प्रश्न रही है दाग |
नमो न मो दी गैस नूँ , आग लगा के भाग |
आग लगा के भाग, भाग सरकार छोड़ के |
गुणा-भाग में लाग, नियम कानून तोड़ के |
है सांसत में जान, बिगड़ती राम-कहानी |
खाँसी से नादान, भगाएगा अम्बानी ||
वाह मजा आ गया रविकर साहब
वाह ... मस्त हलचल लिंक ... कजरी की खांसी ... क्या क्या न कर दे ...
ReplyDeletebahut badhiya...........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (25-02-2014) को "मुझे जाने दो" (चर्चा मंच-1534) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब,गजब की प्रस्तुति ...!
ReplyDeleteRECENT POST - फागुन की शाम.