Tuesday, 25 February 2014

लेकिन गिद्ध समाज, बाज को गलत बताये -


भैया भ्रष्टाचार भी, भद्रकार भरपूर |
वाँछित करे विकास यह, मुँह में मियाँ मसूर |

मुँह में मियाँ मसूर, कर्मरत कई आलसी |
 देश-काल गतिमान, बदलना नहीं पॉलिसी |

रविकर भकुआ एक, "आप" की लेत बलैया |
रहा जमाना देख, दाग भी अच्छे भैया ॥  


राहुल की रैली मे आओ 300 रुपये पाओ ( वीडियो सबूत )

SACCHAI 
मज़बूरी मजदूर की, भैया पहले जान |
राहुल बाबा से रही, है पहचान पुरान |

है पहचान पुरान, फीस तो नहीं लगाए |
देना पड़ता पॉंच, यहाँ पर किन्तु कमाए |

दिनभर की जो आय, आय के देते पूरी |
जय जय राहुल राज, राज रखना मजबूरी ||

दे *दिल्ले में आग, बिगाड़े आप रतालू -


तालू से लगती नहीं, जिभ्या क्यूँ महराज |
हरदिन पलटी मारते,  झूँठों के सरताज  |

झूँठों के सरताज, रहे सर ताज सजाये |
एकमात्र  ईमान, किन्तु दुर्गुण सब आये |

मिर्च-मसाला झोंक, पकाई सब्जी चालू ।
दे *दिल्ले में आग, बिगाड़े आप रतालू ॥

*किवाड़ के पीछे लगा  लकड़ी का चौकोर खूँटा 

दिल्ली को तहरीर चौक बनाना चाहता था - केजरीवाल की साजिश ( वीडियो )

SACCHAI 



अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग-


अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग |
रविकर सर पर पैर रख, भाग सके तो भाग |

भाग सके तो भाग, जमुन-जल नाग-कालिया |
लिया दिया ना बाल, बटोरे किन्तु तालियां |

दिखे अराजक घोर, काहिरा जैसा जंतर |
होवे ढोर बटोर, आप में कैसा अंतर ||   
चिड़ियाघर कायल हुआ, बदल गया अंदाज । 
मोदनीय वातावरण, बाजीगर सर-ताज । 

बाजीगर सर-ताज, बाज गलती से आये । 
लेकिन गिद्ध समाज, बाज को गलत बताये । 

कौआ इक चालाक, बाँट-ईमानी पुड़िया । 
मिस-मैनेज कर काम, रोज भड़काए चिड़िया ॥ 

आया पर आया सतत, नेह बिना सन्देह||
पाले बच्चा गैर का, रही दिखती नेह |
रही दिखती नेह, छोड़ने शाला जाए |
अपना बच्चा गेह, वहाँ चाहे चिल्लाये |
मलकिन करती मौज, मातु बन नाम कमाया |
लेती समय खरीद, समझ में रविकर आया ||


2 comments:

  1. सभी एक से बढ़कर एक ......हमेशा की तरह .....
    धन्यवाद महोदय ......

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