कर अफसर बर्खास्त, वजीरे आजम आ-जम
आ जम जा कुर्सी पड़ी, सिखा विधर्मी पाठ |
वोट बैंक मजबूत कर, बढ़ा चढ़ा के ठाठ |
बढ़ा चढ़ा के ठाठ, कहीं कातिल छुड़वाए |
*जटा जाय जग माहिं, जुल्म का फल भी पाए |
फिर भी गोटी लाल, लाल का करना क्या गम |
कर अफसर बर्खास्त, वजीरे आजम आ-जम ||
*ठगा जाना / धोखे में आकर हानि उठाना
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दंगाई महफूज, मार के निचले-तबके -तब के दंगे और थे, अब के दंगे और | हुड़दंगी सिरमौर तब, अब नेता सिरमौर | अब नेता सिरमौर, गौर आ-जम कर करलें | ये दंगे के दौर, वोट से थैली भर लें | मरते हैं मर जाँय, कुचल कर बन्दे रब के | दंगाई महफूज, मार के निचले-तबके || |
बाकी बातें बाद में, सबसे आगे वोट |
करते हमले ओट से, खर्च करोड़ों नोट |
खर्च करोड़ों नोट, चोट पीड़ा पहुँचाये |
पीते जाते रक्त, माँस अपनों का खायें |
अग्गी करके धूर्त, दिखाते हैं चालाकी |
जाँय अंतत: हार, दिखी "पूरण" बेबाकी ||
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रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ -रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ | अग्गी करने से बचो, अग्गी करे अनर्थ | अग्गी करे अनर्थ, अगाड़ी जलती तीली | जीवन-गाड़ी ख़ाक, आग फिर लाखों लीली | करता गलती एक, उठाये कुनबा जहमत | रविकर रोटी सेंक, बाँटता मरहम रहमत || |
झारखंड में भुखमरी, तप्त अग्नि से गर्भ |
कृषक ख़ुदकुशी कर मरे, मरता दिखा विदर्भ |
मरता दिखा विदर्भ, सियासत दंगा यू पी |
सत्ता करती गर्व, लगाए जनता चुप्पी |
होती बन्दरबांट, दीमकें लगीं फंड में |
लेती फाइल चाट, कोयला झारखंड में ||
ReplyDeleteअति उत्तम
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