वर्धा ब्लॉगर सम्मलेन -जो किसी ने नहीं लिखा!
noreply@blogger.com (arvind mishra)
मुर्गे की इक टांग से, कंठी माला टांग |
उटपटांग हरकत करे, कूद फांद फर्लांग |
कूद फांद फर्लांग , बांग मुर्गा जब देता |
पंडित करते स्वांग, ॐ बोले अभिनेता |
अभिनय में उस्ताद, सोचते हैं आगे की |
अगर गले ना दाल, तब टांग चले मुर्गे की ||
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क्यों बीमार है राष्ट्रीय एकता परिषद?
Randhir Singh Suman
राजनीति जब वोट की, अपने अपने स्वार्थ |
परिषद् भी बीमार है, मोहग्रस्त ज्यों पार्थ ||
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काठमांडू में भारतीय ब्लॉगरों का सम्मान : डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट दिनांक 26 सितम्बर 2013 में प्रकाशित
नुक्कड़
नुक्कड़ -
भारतीय ब्लॉगर जमा, चहुँ-तरफ़ा है धूम |
पुरस्कार की होड़ है, रविकर लेकर चूम ||
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Tourist places in Indian States भारतीय राज्यों के पर्य़टक स्थल
SANDEEP PANWAR
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प्रभु के अवतार का उद्देश्य श्रीभगवानुवाच बहुनि मे व्यतीतानी ,जन्मानि तव चार्जुन , तान्यहं सर्वाणि ,न त्वं वेत्थ परंतप। (४. ६ )
Virendra Kumar Sharma
भारत भूमि महान है, बनकर प्रभु इंसान |
आकर वे अनुभव करें, मुश्किल में ईमान ||
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सियासती सुपनखा से, सिया-सती अनभिज्ञ-
सियासती सुपनखा से, सिया-सती अनभिज्ञ |
अब क्या आशा राम से, हो रहे स्खलित विज्ञ |
अब क्या आशा राम से, हो रहे स्खलित विज्ञ |
हो रहे स्खलित विज्ञ, बने खरदूषण साले |
घालमेल का खेल, बुराई कुल अपना ले |
घालमेल का खेल, बुराई कुल अपना ले |
भोग-विलासी होड़, हुआ जन-गण-मन आहत |
सिया-सती की लाज, बचा ना सके सियासत ||
सिया-सती की लाज, बचा ना सके सियासत ||
साधू या शैतान
कालीपद प्रसाद
शैतानों ने धर लिया, आज साधु का रूप |
साधु दुबक एकांत में, भजते रूप अनूप ||
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सुन्दर सूत्र !!
ReplyDeleteबढिया लिंक्स
ReplyDeleteअखबारों में तथ्यहीन खबर छपने से अखबार की विश्वसनीयता खत्म होती है।
सुन्दर लिंक संयोजन, आभार।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया !
ReplyDeleteवाह !!! बहुत सुंदर कुण्डलियाँ !
ReplyDeleteनई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
आपके दोहे सटीक हैं , गहन हैं रविकर जी . . .
ReplyDeleteबधाई !!
भारतीय ब्लॉगर जमा, चहुँ-तरफ़ा है धूम |
ReplyDeleteपुरस्कार की होड़ है, रविकर लेकर चूम ||
पुरस्कारन की लूट है ,लूट ब्लागिये लूट ,
कल होगा तू हूट .,कुछ तो कर ले म्यूट .
व्यंग्य विडंबन से भरा साधुन का ब्योहार ,
ReplyDeleteसाध मत कहना इन्हें ये करते ब्योपार। सुन्दर पोस्ट शुक्रिया आपकी टिपण्णी का।
शैतानों ने धर लिया, आज साधु का रूप |
साधु दुबक एकांत में, भजते रूप अनूप ||
कुण्डलियाँ बहुत सुन्दर और सटीक है
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