क्या करे कोई गालिब खयाल वो नहीं हैं अब
सुशील कुमार जोशी
ठुमरी पर ठुमके लगा, ख्याली पके पुलाव |
राम राज्य आने लगा, बस इक और चुनाव |
बस इक और चुनाव, मुसल्लसल बस इमान है |
बे-इमान यह जगत, आप की बढ़ी शान है |
पानी बिजली मुफ्त, मुफ्त में कुरता चुनरी |
मुफ्त मिले आवास, मुफ्त में सुनिये ठुमरी |||
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"आप" के पाप
ZEAL
यह तो पक्की बात है, ले मुस्लिम का साथ ।
खा जाएगा हाथ को, फिर पकडे वह पाथ ।
फिर पकडे वह पाथ, रास्ता कम्युनिस्टी ।
मुस्लिम तुष्टिकरण, हिन्दु प्रति टेढ़ी दृष्टी ।
खतरनाक यह व्यक्ति, हमें तो लगता बक्की ।
बना ढपोरी-शंख, बात है यह तो पक्की ॥
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करिये कुछ तो पूर्ण, समर्थन भी तो आया -
भाया आना आपका, दिल्ली में उत्साह ।
लोकतंत्र को मिल गयी, सीधी सच्ची राह ।
सीधी सच्ची राह, हाथ की खुजली मेटे ।
वायदे किन्तु अनेक, आज भी धरे लपेटे ।
करिये कुछ तो पूर्ण, समर्थन भी तो आया ।
झट-पट सत्ता थाम, आज तक हमें लुभाया ॥
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क्या बात!
ReplyDeletesr --------- is link par / kuch aur photo hn -------- maene aaj hi is blog ko apne hath liya h ---------http://haikukipratibha.blogspot.in/2013/12/about-me.html?spref=bl
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