Saturday, 30 January 2016

पी लेते दो घूँट, नशा छोड़ा ना जाये

आर्थिक-तंगी की वजह, गई पढाई छूट |
आर्थिक तंगी की वजह, पी लेते दो घूँट | 

पी लेते दो घूँट, नशा छोड़ा ना जाये |
देते रोज उड़ाय, कमाकर जो भी लाये |

बड़ी बुरी तस्वीर, आइना देखे नंगी |
रहा नशा नहिं छूट, वाह री आर्थिक तंगी ||

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (01-02-2016) को "छद्म आधुनिकता" (चर्चा अंक-2239) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. नशे के लिए आर्थिक तंगी के कोई मायने नहीं ...सब जुगाड़ तुगाड़ कर बस पीना है ...

    ReplyDelete