Friday, 3 June 2011

प्राइवेट शिक्षक ??

भूमि-बन्दन कर,  धरा पर-- पैर धरता  है  | 

हस्त-दर्शन कर, निबटकर--सैर करता है || 

फिर नहाके  पाठकर, बासी चपाती से    

न्यूज-ताज़ी को निगलते,  पेट भरता है ||


जद्दोजहद से बेखबर जब किस्मत सोती है
बेहतरी  की  कोशिशें,  नाकाम  होती  है  ||

खर्च घर का चल रहा सम्पूर्ण, वेतन से
कुछ कमाई और करता रोज टयूशन से ||

खर्च मुश्किल से ही  पूरे,  पूरे मास का
दाग रक्खे दूर  लेकिन अपने दामन से ||

कड़ी मेहनत 'रविकर' सुबहो-शाम होती   है
बेहतरी की कोशिशें,  नाकाम  होती  है  || 

9 comments:

  1. कड़ी मेहनत 'रविकर' सुबहो-शाम होती है
    बेहतरी की कोशिशें, नाकाम होती है ||
    satya kaha hai

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  2. स्पष्ट चित्र खींचा है।

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  3. ये पैसों की भूख जो कभी ना खत्म हो,

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  4. thanks,
    मुश्किल है प्राइवेट शिक्षक का jivan.

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  5. मास्टर जी के हालात खराब हैं।

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  6. Thanks God
    गवर्नमेंट जॉब है . और बेटा MNNIT, इल्लाहाबाद से B Tech कर आबुधाबी में है, बेटी 16 जून को NIT दुर्गापुर से B Tech करके TCSL ज्वाइन कर रही है.
    पर सचमुच------
    @ मास्टर जी के हालात खराब हैं।

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  7. प्राइवेट शिक्षक का सच्चा दर्द,बहुत बढ़िया, लाजवाब!

    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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