अच्छी व्यंग्योक्ति है वक्रोक्ति भी .बधाई .
:):) कहना ही चाहिए शुक्रिया ..
सहज और सकारात्मक सोच है आपकी .झुककर काम करतें हैं आप फल से .लदे पेड़ से .
रहमो-करमसे ही चले कायनात सारी--मुश्किलें हटती गईं --दिखती गई वो राह प्यारी ||--बहुत सुन्दर रचना!--रहमो-करम हो तोगधा भी पहलवान हो जाता है!
अच्छी व्यंग्योक्ति है वक्रोक्ति भी .बधाई .
ReplyDelete:):) कहना ही चाहिए शुक्रिया ..
ReplyDeleteसहज और सकारात्मक सोच है आपकी .झुककर काम करतें हैं आप फल से .लदे पेड़ से .
ReplyDeleteरहमो-करम
ReplyDeleteसे ही चले
कायनात सारी--
मुश्किलें
हटती गईं --
दिखती गई
वो राह प्यारी ||
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बहुत सुन्दर रचना!
--
रहमो-करम हो तो
गधा भी पहलवान हो जाता है!