Thursday, 23 June 2011

दोहे

               21 वीं शती
पति परमेश्वर की तरह, छवि आदर्श बनाय |
कन्धे पर बन्दूक धर, पीछे   खड़ीं   लुकाय ||

त्यागी  और  महान  हैं, बिलकुल न बेईमान |  
पति की सम्पत्ति पुत्र  का, देती  नेक बयान ||

प्रगति  पंख  को  नोचता,  भ्रष्टाचारी   बाज |
लेना-देना  क्यूँ करे ,  सारा  सभ्य  समाज  ||

बैंकों  में  खाता  खुला,  खता कहाँ  से  मोर |
बड़े मियां छोटे मियां,  जानें  रिश्वत-खोर ||

स्वामी, दत्ता अमल दा, जेठ मलानी लोग |
के जी बी, एक्सप्रेस भी, करें भयंकर ढोंग ||

गर इतना धन है जमा, जाऊं  इटली भाग |
पहचाने दुर्भाग्य  निज, लगा  रहे  जो  दाग || 

लिश्तेंस्ती से  बैंक  का, हमने  सुना  न नाम | 
कौन-कौन  से  केश  का,  पैसा  जमा तमाम ||

हत्यारों  पर  भी  रहम,  बच्चों  में   पुरजोर |
मानहानि के  केश में,  रही  रूचि  न   मोर ||

कश्मीर (1947)

चाचा  चालें चल  चुके, चौपट  चम्प-गुलाब |
शालीमार-निशात सब, धूल-धूसरित ख़्वाब ||

चारों  दिशा  उदास  हैं,  फैला  है आतंक |
जिम्मेदारी कौन ले,   मारे  शासन  डंक ||

                 भ्रष्टाचार         

    भूमंडलीय फिनोमिना (1983 )


माता  के  व्यक्तव्य से,  बाढ़ा हर दिन लोभ |
भ्रष्टाचारी  देव  को,   चढ़ा  रहे  नित   भोग  ||

पानी  ढोने का    करे,  जो बन्दा  व्यापार  |
मुई प्यास कैसे भला, सकती उसको मार ||

काजल की हो कोठरी, कालिख से बच जाय |
हो  कोई  अपवाद  गर , तो उपाय बतलाय    || 

             मिस्टर क्लीन (1989)
माता के उपदेश को , भूले मिस्टर क्लीन,
राज    हमारा   बनेगा ,  भ्रष्टाचार विहीन |
भ्रष्टाचार   विहीन,  नहीं  मैं  माँ  का बेटा,
सारे  दागी  लोग ,  अगरचे   नहीं  लपेटा |
पर"रविकर"आदर्श, बड़ा वो चले दिखाने |
दागै लागे तोप,  उन्हीं  पर  कई  सयाने  ||
 

10 comments:

  1. प्रगति पंख को नोचता, भ्रष्टाचारी बाज |
    लेना-देना क्यूँ करे , सारा सभ्य समाज ||
    सटीक .

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  2. mr.clean
    beautiful poems.
    स्वामी, दत्ता अमल दा, जेठ मलानी लोग |
    के जी बी, एक्सप्रेस भी, करें भयंकर ढोंग

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  3. बहुत-बहुत स्वागत महोदया आपका |
    बहुत-बहुत स्वागत महोदय आपका |

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  4. सही कटाक्ष किये हैं रविकर जी!

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  5. बहुत बढ़िया और ज़बरदस्त पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  6. स्वागत महोदया / महोदय आपका |

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  7. बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ।

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  8. टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!

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