| "विविध दोहावली-पच्चीस दोहे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक  
पच्चीसा सुन्दर रचा, शामिल बढ़िया कथ्य | 
शिल्प सुगढ़ है दीखता, हैं सटीक सब तथ्य || | 
| AAP asks clarification on 17 Points from BJP Congress seeks 10 days to decide on Gov. FormationSMFrom Politics To Fashion
प्रोपेगंडा कर रहे, शर्त अनाप-शनाप | 
वोट-बैंक में वृद्धि हित, लगे रात-दिन आप | 
लगे रात दिन आप, पिछड़ती जाए दिल्ली | 
देखो छींका टूट , भाग्यशाली यह बिल्ली | 
इक इमान की बात, बनाया बढ़िया फण्डा | 
नहीं करेंगे काम, करेंगे प्रोपेगंडा ||  | 
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*सत्तारी बैठे रहे, तब सत्ताइस आम | 
जुड़े केजरीवाल से, पाने लगे सलाम | 
*फुर्सत में  
पाने लगे सलाम, काम दे देती दिल्ली | 
लेकिन कई कुलीन, उड़ाते इनकी खिल्ली | 
रविकर करे सचेत, छेड़ मत मधु का छत्ता |   
आये इनके हाथ, आज-कल में ही सत्ता || | 
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कारें चलती देश में, भर डीजल-ईमान | 
अट्ठाइस गण साथ में, नहिं व्यवहारिक ज्ञान | 
नहिं व्यवहारिक ज्ञान, मन्त्र ना तंत्र तार्किक | 
*स्नेहक पुर्जे बीच, नहीं ^शीतांबु हार्दिक | 
*लुब्रिकेंट  ^ कूलेंट  
गया पाय लाइसेंस, एक पंजे के मारे | 
तो स्टीयरिंग थाम, चला दिखला सर-कारें || | |||
 

 
आदरणीय बढ़िया प्रस्तुति व सूत्र , धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ,सादर
ReplyDeleteek dum steek .......
ReplyDeleteसुंदर लिंक्स
ReplyDeleteउम्दा अभिव्यक्ति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: मजबूरी गाती है.
जुड़े केजरीवाल से, पाने लगे सलाम-
ReplyDelete*सत्तारी बैठे रहे, तब सत्ताइस आम |
जुड़े केजरीवाल से, पाने लगे सलाम |
*फुर्सत में
पाने लगे सलाम, काम दे देती दिल्ली |
लेकिन कई कुलीन, उड़ाते इनकी खिल्ली |
रविकर करे सचेत, छेड़ मत मधु का छत्ता |
आये इनके हाथ, आज-कल में ही सत्ता ||
क्या बात है क्या भविष्य कथन है .