Monday 6 June 2011

बहुतै लगा, देश को चून

             (1)
कांग्रेसी --
तिगनी का नाच नचायें तो 
पूरा देश  बेबस नाचें ||
जब राजघाट पर---
राष्ट्र-भक्ति की धुन पर सुषमा नाचीं
तो कांग्रेसी प्रवचन बाँचें  ||
                     (2)
हर एक्शन का प्रति रिएक्शन 
                  "न्यूटन" का नेचुरल कानून 
सुधरो चाहे नरक सिधारो 
                   बहुतै लगा, देश को चून   
                   
                           (3) 
हिटलर ने वाहिनी बनाई थी कुत्तों की |
करे पुलिस में, कई देश कुत्तों की भरती ||
भारत लेकिन बहुत अनोखा देश लगा---
अलग से कुत्तों की भर्ती की नहीं जरुरत ||
                            (4)
जज    ने  पूछा   एक   चोर   से   बोलो भाई--
चोरी    जैसा   काम    अकेले   क्यों  करते हो ??
बेशर्मी   से   हंसकर  बोला --  सुनिए सर  !
दुनिया से विश्वास आजकल उठा समझकर  ||
                  

6 comments:

  1. जज ने पूछा एक चोर से बोलो भाई--
    चोरी जैसा काम अकेले क्यों करते हो ??
    बेशर्मी से हंसकर बोला -- सुनिए सर !
    दुनिया से विश्वास आजकल उठा समझकर ....

    Beautiful satire .

    .

    ReplyDelete
  2. lol
    beautiful thoughtful poems

    ReplyDelete
  3. जज ने पूछा एक चोर से बोलो भाई--
    चोरी जैसा काम अकेले क्यों करते हो ??
    बेशर्मी से हंसकर बोला -- सुनिए सर !
    दुनिया से विश्वास आजकल उठा समझकर |
    sabse sahi prastuti badhai.

    ReplyDelete
  4. ला-जवाब" जबर्दस्त!!
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com/

    ReplyDelete
  5. शालिनी कौशिक जी, संजय भास्कर जी
    आभार |
    आपका स्नेह-
    सिर-माथे |

    ReplyDelete
  6. namaste sir,
    aasha karta hun aap mujhe pehchaan liye honge.
    aap ki yah kawita agar pure desh ko samjh main aajaye toh hamare desh main badlaw ki kranti aa sakti hai.
    anurag sinha(sikkim manipal institute of technology)

    ReplyDelete