Monday, 13 January 2014

आज खींचता टांग, प्रशंसा कर के पहले -



इस झूठी और बनावटी कहानी को समझने के लिए अब नीचे दिए गए असली प्रमाण देखिये


पहले तो प्रतिपल पगा, जगा जगा विश्वास |
किन्तु लगा ललकारने, अट्ठहास आकास |

अट्ठहास आकास, अहंकारी बन जाए |
कर दे सत्यानाश, पुण्य अपने निबटाये |

रविकर जोश खरोश, बात अच्छे से कह ले । 
आज खींचता टांग, प्रशंसा कर के पहले ॥ 

"आत्महत्या समस्या का समाधान नहीं है"

राजेंद्र कुमार 








बीमारी सी फैलती, शुद्ध पलायनवाद |
कायर हुई बहादुरी, बढ़ी आज तादाद |

बढ़ी आज तादाद, आत्महंता क्या पाये |

छोड़ समस्या भाग, कई अपने तड़पाये |

बीते आपद्काल, समस्याएं संसारी |

रखिये हिम्मत धैर्य, दूर करिये बीमारी || 


यह मीडिया इवेन्ट, लगाए झटका तगड़ा-

पड़ा साबका सड़क से, सबक सीखते आम |
इंतजाम पहले करो, फिर भेजो पैगाम |

फिर भेजो पैगाम, नाम ना आप डुबाओ |
कोशिश में ईमान, बाज हड़बड़ से आओ |

यह मीडिया इवेन्ट, लगाए झटका तगड़ा |
बढ़ा और नैराश्य, फाड़ते रविकर कपड़ा  ||


दिल्ली जल बोर्ड पानी के वही मीटर लगाने के लिए नोटिस भेज रहा है, जिन्हें अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करके फॉल्टी कहा था। केजरीवाल और उनकी टीम ने पिछले साल 28 अप्रैल को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर इन मीटरों पर सवाल उठाए थे। केजरीवाल ने डेमो देकर बताया था कि किस तरह मीटर में पानी के साथ हवा का भी बिल आता है। अब आम आदमी पार्टी की सरकार बनने और जल बोर्ड खुद सीएम केजरीवाल के अंडर में होने के बावजूद उन्हीं मीटरों को लगाया जा रहा है। कई आरडब्ल्यूए को जल बोर्ड की तरफ से और पानी के मीटर लगाने वाली कंपनी की तरफ से नोटिस आ रहे हैं।http://navbharattimes.indiatimes.com/delhi/politics/delhi-jal-board-sending-notices-to-install-faulty-water-meter/articleshow/28712026.cms

आये दिन जाए पलट, अजी बड़े वो आप |
कभी जकड़ लेते पकड़, कभी रास्ता नाप |

कभी रास्ता नाप, लौट फिर वापस आते |
बके अनाप-शनाप, कभी फिर से दुलराते |

लेकिन-क्रिया कलाप, कई शंका भर जाए -
कभी पाक कश्मीर, पाक हो, जो भी आये ||

रविकर ले हित-साध, आप मत डर खतरे से-

खतरे से खिलवाड़ पर, कारण दिखे अनेक |
थूक थूक कर चाटना, घुटने देना टेक |

घुटने देना टेक, अगर हो जाए हमला |
होवे आप शहीद, जुबाँ पर जालिम जुमला |

भाजप का अपराध, उसी पर कालिख लेसे |
रविकर ले हित-साध, आप मत डर खतरे से ||




आड़े अनुभवहीनता, पब्लिक थानेदार । 
भीड़ अड़ी भगदड़ बड़ी, भाड़े जन-दरबार । 

 भाड़े जन-दरबार, नहीं व्यवहारिक कोशिश । 
चूके फिर इस बार, कौन कर बैठा साजिश । 

दूर हटे अरविन्द, आज छवि आप बिगाड़े । 
धीरे धीरे सीख, समय आयेगा आड़े । 

नीति नियम नीयत सही, सही कर्म ईमान |
सही जाय ना व्यवस्था, सी एम् जी हलकान |

सी एम् जी हलकान, बिना अनुभव के गड़बड़ |
बार बार व्यवधान,  अगर मच जाती भगदड़ |

आशंकित सरकार, चलो खामी तो मानी|
चेतो अगली बार, नहीं दुहरा नादानी || 

5 comments:

  1. बढ़िया प्रस्तुति व सूत्र , आ० , धन्यवाद

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  2. सुन्दर सीख ज़वाब नहीं आपका .


    बीमारी सी फैलती, शुद्ध पलायनवाद |
    कायर हुई बहादुरी, बढ़ी आज तादाद |

    बढ़ी आज तादाद, आत्महंता क्या पाये |
    छोड़ समस्या भाग, कई अपने तड़पाये |

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  3. बढ़िया प्रस्तुति,धन्यवाद.

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  4. बढ़िया प्रस्तुति ..
    मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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