पलटी मार लेना कभी भी बहुत आसान होता है
सुशील कुमार जोशी
मोदी प्रति दीवानगी, बरकरार है आज |
आम आदमी चाहता, सुधरे देश समाज |
सुधरे देश समाज, भ्रमित अक्सर हो जाता |
चाहे मोदी राज, आपकी लेकिन गाता |
सत्ता नीति-विहीन, बुद्धि रविकर की भोंदी |
अस्थिर होगा देश, अगर जनता अनुमोदी ||
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…..तो क्या नरेंद्र मोदी के विजय रथ को इस सर्दी में भी लू लग गया है.
Er. Ankur Mishra'yugal'
आप छुवे आकास, खेल मोदी का भाड़े-
(1)
लोकसभा में आपकी, आई सीट पचास |
लगे पलीता ख़्वाब में, टूटे भाजप आस |
टूटे भाजप आस, विपक्षी मौका ताड़े |
आप छुवे आकास, खेल मोदी का भाड़े |
माना अनुभवहीन, मीडिया लेकिन थामे |
कर दे सत्तासीन, त्रिशंकुल लोकसभा में ||
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सबको माने चोर, समर्थन ले ना दे ना - लेना देना जब नहीं, करे तंत्र को बांस | लोकसभा में आप की, मानो सीट पचास | मानो सीट पचास, इलेक्शन होय दुबारे | करके अरबों नाश, आम पब्लिक को मारे | अड़ियल टट्टू आप, अकेले नैया खेना | सबको माने चोर, समर्थन ले ना दे ना || |
मुफ़्तखोर है इस देश कि जनता
ZEAL
दिल्ली की सरकार में, पी एम् केजरिवाल |गृहमंत्री भूषण बने, ले कश्मीर सँभाल |
ले कश्मीर सँभाल, जैन की क्रान्ति गुलाबी |
राखी का कल्याण, गला बच्चे का दाबी |
जुड़े आप से लोग, तोड़ती छींका बिल्ली |
जाय भाड़ में देश, भाड़ में जाए दिल्ली ||
पहले तल्ले के लिए, नहीं नींव मजबूत ।
दूजे तल्ले के पिलर, आप करे आहूत ।
आप करे आहूत, हड़बड़ी पूर्ण कार्य है ।
घूरें घर यमदूत, घूरता अघ-अनार्य है ।
माना दिल्ली दाँव, पड़े नहले पे दहले ।
बिन अनुभव ईमान, ढहाए भवन रुपहले ॥
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सुंदर चर्चा ! उल्लूक की बकबक "पलटी मार लेना कभी भी बहुत आसान होता है" आज यहाँ भी आभारी हूँ :)
ReplyDeleteआ० बहुत ही सुंदर प्रस्तुति व लिंक्स
ReplyDeleteचाहे मोदी राज, आपकी लेकिन गाता |
ReplyDeleteसत्ता नीति-विहीन, बुद्धि रविकर की भोंदी |
अस्थिर होगा देश, अगर जनता अनुमोदी ||
बहुत सुन्दर काव्य सौंदर्य का शीर्ष लिए है यह रचना .
मित्र शुभ सर्वकाल !
ReplyDeleteअच्छी चर्चा-संयोजन व्यवस्था रचना है !