FIRST BLOG ! Yes I M Modi's Supporter !
ARUNIMA
मोदी महिमा मुदित-मन, माने देश प्रभाव | सोच चमत्कृत कर गई, समयोचित बरताव | समयोचित बरताव, खूब मोदी जी बोले | पर दुश्मन के दाँव, नाव खाए हिचकोले | दिखते कई मकार, मची है गहमी-गहिमा | चट्टे बट्टे एक, मिटाते मोदी महिमा || *Minority *Muthuvel-Karunanidhi *Mulaayam *Maayaa *Mamta *Mobile |
"दो और दो पांच"
Suman
"सुरभित सुमन"
एक एक ग्यारह भले, तिकड़म दो दो पाँच |
जीवन भर संघर्ष कर, टेढ़े आँगन नाँच | |
एक एक ग्यारह भले, तिकड़म दो दो पाँच |
जीवन भर संघर्ष कर, टेढ़े आँगन नाँच | |
मरता रोज भविष्य, समस्या दारुण दाही-
बच्चों पर आफत बड़ी, कहीं खाय के मौत |
पानी पी मरते कहीं, दुर्घटना दें न्यौत | दुर्घटना दे न्यौत, हमारी लापरवाही | मरता रोज भविष्य, समस्या दारुण दाही | निर्वाहन कर्तव्य, ध्यान से चच्ची चच्चों | जोखिम को पहचान, चेतना होगा बच्चों | 10 school children killed in accident in Hanumangarh11 students fall ill after drinking water during midday meal |
खिलें इसी में कमल, विपक्षी पानी-कीचड़-
कीचड़ कितना चिपचिपा, चिपके चिपके चक्षु |
चर्म-चक्षु से गाय भी, दीखे उन्हें तरक्षु |
दीखे जिन्हें तरक्षु, व्यर्थ का भय फैलाता |
बने धर्म निरपेक्ष, धर्म की खाता-गाता |
कर ले कीचड़ साफ़, अन्यथा पापी-लीचड़ |
खिलें इसी में कमल, विपक्षी पानी-कीचड़ |
चर्म-चक्षु=स्थूल दृष्टि
तरक्षु=लकडबग्घा
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कार्टून कुछ बोलता है- पासवर्ड चोरी का डर !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ !
बड़े पालतू जीव हैं, कैसे होगा हैक |
पासवर्ड दे बदल झट, जैसे मोहन मैक |
जैसे मोहन मैक, चिदम्बर चीकू कर दे |
मैडम दस का दम्भ, कहाँ से कोई डर दे |
पास-वर्ड भरमार, बात मत करो फ़ालतू |
पूरा भरा *मकार, आज भी बड़े पालतू ||
* M
पासवर्ड दे बदल झट, जैसे मोहन मैक |
जैसे मोहन मैक, चिदम्बर चीकू कर दे |
मैडम दस का दम्भ, कहाँ से कोई डर दे |
पास-वर्ड भरमार, बात मत करो फ़ालतू |
पूरा भरा *मकार, आज भी बड़े पालतू ||
* M
कुण्डली छंद...सपने ...डा श्याम गुप्त ....
shyam Gupta
नाना विधि आगम निगम, करें व्याख्या श्याम |
अगर सफलता चाहिए, देख स्वप्न अविराम | देख स्वप्न अविराम, तदनु उद्योग जरुरी | भली करेंगे राम, कामना करते पूरी | सपनों का संसार, मधुर है ताना बाना | इसीलिए अधिकार, सभी का है सपनाना || |
सामप्रदायिक गद्दार
ZEAL
ZEAL
माटी का सौदा करें, लाठी का उस्ताद |
गोरख-धंधे रात-दिन, हुआ जिन्न आजाद |
हुआ जिन्न आजाद, कहीं यह रेप कराये |
कहीं गिरे दीवाल, कहीं सस्पेंशन लाये |
हो जाते हैं क़त्ल, वही माफिया खाटी भाटी |
सत्ता करे खराब, मुलायम उर्वर माटी |
माटी का सौदा करें, लाठी का उस्ताद |
गोरख-धंधे रात-दिन, हुआ जिन्न आजाद |
हुआ जिन्न आजाद, कहीं यह रेप कराये |
कहीं गिरे दीवाल, कहीं सस्पेंशन लाये |
हो जाते हैं क़त्ल, वही माफिया खाटी भाटी |
सत्ता करे खराब, मुलायम उर्वर माटी |
मारे छुरी-कटार, मिटा देता जो यौवन-
जाने मन समझे अकल, प्यार खुदा की देन |
रखूँ कलेजे से लगा, क्यों मिस करना ट्रेन | क्यों मिस करना ट्रेन, दर्द तो सह-उत्पादन | करूँ सहज स्वीकार, सजा लूँ अन्तर आँगन | मारे छुरी-कटार, मिटा देता जो यौवन | उसको सनकी धूर्त, मानता हूँ जानेमन || |
अंधड़ !
जूती जूता खाय के, जन मन जीव अघाय |
महँगाई का बोझ भी, उठा उठा मुसकाय |
उठा उठा मुसकाय, शिकायत वह ना जाने |
मंदिर मस्जिद जाय, बहाने अश्रु बहाने |
कारिन्दे हुशियार, बोलती उनकी तूती |
राजा ही भगवान्, खाइये जूता जूती |
जूती जूता खाय के, जन मन जीव अघाय |
महँगाई का बोझ भी, उठा उठा मुसकाय |
उठा उठा मुसकाय, शिकायत वह ना जाने |
मंदिर मस्जिद जाय, बहाने अश्रु बहाने |
कारिन्दे हुशियार, बोलती उनकी तूती |
राजा ही भगवान्, खाइये जूता जूती |
सुना लतीफा पाक ने, कैप्टन सौरभ क़त्ल
सुना लतीफा पाक ने, कैप्टन सौरभ क़त्ल
बजा तालियाँ भूल मत, लगे ठिकाने अक्ल
लगे ठिकाने अक्ल, माफ़ ना होगी हरकत
रहा सदा तू भोग, कभी ना होय बरक्कत
बहे पाक में खून, बददुवा दिया खलीफा
हर दिन मरता पाक, नहीं क्या सुना लतीफा
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बेहतरीन !
ReplyDeleteपापियों का भी तो आखिरकार नंबर आता ही है ! सुन्दर रविकर जी !
ReplyDeleteसभी कुंडलिया - एक से एक लाजवाब!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार मुझे स्थान देने के लिए !
ReplyDeletethanks ravikar ji...
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