धार्मिक भावनाएं क्या हुई, कोई छुई-मुई हो गई !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ ! -
खामखाँ लिख चिट्ठियाँ, करते इंक खराब |
लहरायें जब मुट्ठियाँ, देना तभी जवाब | देना तभी जवाब, नहीं दुर्गा बेचारी | यू पी राजस्थान, आज फिर किसकी बारी | कल खेमका अशोक, स्वाद ऐसा ही चक्खा | रहो आप चुपचाप, लिखो मत आज खामखाँ | |
कैसे कैसे चीप मिनिस्टर -सतीश सक्सेना
सतीश सक्सेना
पढ़ने में हरदम प्रथम, उसको रहा गुमान |
बुड़बक सबको समझता, हमको भी नादान |
हमको भी नादान, किया बी टेक था उसने |
बना आई यस वीर, नहीं देता था घुसने |
पलटा रविकर भाग्य, विधाता नेता हूँ हम |
आई यस करे प्रणाम, कहाँ पढ़ने में हर दम ||
अरुण निगम जी को जन्म दिवस की शुभकामनायें-
भैया जी शुभकामना, काम मना पर आज |
जन्म दिवस लेते मना, रविकर दे आवाज | रविकर दे आवाज, कहीं कविता हो जाती | मित्र मंडली साज, साँझ होती मदमाती | दुर्मिल मदिरा गीत, सभी में दिखें सवैया | रहो स्वस्थ सानन्द, मगन मन हरदम भैया || |
जहां मनुष्य-जीवन हो, वहां रहना चाहता हूँ
Vikesh Badola
हथेली में तिनका छूटने का अहसास
खर्राटों की फ़िक्र क्या, सोया सारा देश |
इक आधा जो जगता, किसको दे सन्देश |
किसको दे सन्देश , जागरुक नहीं दीखते |
घर का घोडा बेंच, स्वप्न में कार सीखते |
सारे सपने ध्वस्त, ग्राम नगरों का ढर्रा |
साधुवाद हे मित्र, लिखा है बढ़िया खर्रा ||
खर्राटों की फ़िक्र क्या, सोया सारा देश |
इक आधा जो जगता, किसको दे सन्देश |
किसको दे सन्देश , जागरुक नहीं दीखते |
घर का घोडा बेंच, स्वप्न में कार सीखते |
सारे सपने ध्वस्त, ग्राम नगरों का ढर्रा |
साधुवाद हे मित्र, लिखा है बढ़िया खर्रा ||
कुछ सवाल जनता केshyama aroraहोगे विष्णु अवतार तुम, सकते भारत तार | लेकिन हम क्यूँ मान लें, चला सकोगे कार | चला सकोगे कार, रोड पर जाम लगेगा | बंटे जाम नि:शुल्क, श्वान अभिमान जगेगा | भौंक भौंक ले ऱोक, बता निर्णय क्या लोगे | कहता छाती ठोक, नहीं तुम पी एम् होगे- |
कार्टून:- भारत में कश्मीरियों के साथ अन्याय ही होता आया है
काजल कुमार Kajal Kumar
धारा सत्तर तीन सौ, है विशेष अधिकार |
एक सीट निश्चित करो, रे भारत सरकार |
रे भारत सरकार, सुनो बी सीसी आई |
शामिल करो रसूल, नहीं तो बोले भाई |
होगा खेल खराब, ख़त्म हो सट्टा सारा |
क्लब पर बने दबाव, अन्यथा डॉन पधारा ||
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा रोशनी की हालत स्थिर
जाने मन समझे अकल, प्यार खुदा की देन |
रखूँ कलेजे से लगा, क्यों मिस करना ट्रेन |
क्यों मिस करना ट्रेन, दर्द तो सह-उत्पादन |
करूँ सहज स्वीकार, सजा लूँ अन्तर आँगन |
मारे छुरी-कटार, मिटा देता जो यौवन |
उसको सनकी धूर्त, मानता हूँ जानेमन || |
मीनों की क्या दोस्ती, जलबिन हों बेचैन |
जल्दी जल्दी लो पका, चूल्हे पर रख पैन |
चूल्हे पर रख पैन, नहीं सड़ने यह पाए |
अवसर दो चुपचाप, चाप के पुण्य कमाए |
उसका यह अधिकार, नहीं उससे यह छीनो |
तू ही सच्चा दोस्त, सुनो ऐ दोस्त कमीनो -
जल्दी जल्दी लो पका, चूल्हे पर रख पैन |
चूल्हे पर रख पैन, नहीं सड़ने यह पाए |
अवसर दो चुपचाप, चाप के पुण्य कमाए |
उसका यह अधिकार, नहीं उससे यह छीनो |
तू ही सच्चा दोस्त, सुनो ऐ दोस्त कमीनो -
एक प्रदेश इधर भी प्लीज़Bamulahija dot ComCartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJAकर लो इस्तेमाल, प्रान्त वर्गाकृति बाँटो-
बाँटो फिर से देश को, करके प्रान्त समान |
जाति धर्म भाषा विविध, डालें नित व्यवधान | डालें नित व्यवधान, बँटा अफरीका जैसे | रखो मेज पर मैप, खींच रेखाएं वैसे | देशान्तर-अक्षांश, व्यर्थ क्यूँ रख कर चाटो | |
>> भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं, इसकी जांच हेतु संविधान सभा जके अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने इलाहबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एस. के. धर की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की । इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया
ReplyDelete>> धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में नेहरू, वल्लभ और पट्टाभि सीतारमय्या की एक समिति का गठन किया इस समिति ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को बहिष्कृत कर दिया
>> जे.वी.पी समिति ( नेहरू, वल्लभ , पट्टाभि) की सुचना प्रतिवेदन के पश्चात मद्रास राज्य के तेलगु भाषियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आन्दोलन प्रारम्भ किया किया
>> छप्पन दिवस के आमरण अनशन के पश्चात १५ दिसंबर १९५२ ई. को रामुल्लू की मृत्यु हो गई
>> रामुल्लू की मृत्यु के पश्चात नेहरू ने तेलगु भाषियों के लिए पृथक आन्ध्र प्रदेश की घोषणा कर दी.....
रविकर जी बहुत-बहुत धन्यवाद।
ReplyDeletesatik kataksh
ReplyDeleteसोने पे सुहागा होती हैं आपकी कुण्डलियाँ वाह !
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteडबल मार रविकर करी...
ReplyDeleteआभार भाई जी !