Thursday, 29 August 2013

चूजा के पीछे पड़ा, भाषण प्रवचन भ्रष्ट


यूपी के सपा नेता कॉल गर्ल्स के साथ मस्ती करते गिरफ्तार



चूजा के पीछे पड़ा, भाषण प्रवचन भ्रष्ट |
कोई गोवा बीच पर, गया मिटाने कष्ट |

गया मिटाने कष्ट, मस्तियाँ मार बराबर |
गुंडागर्दी देख, डरा जाता है रविकर |

उत्तर नहीं प्रदेश, काम की होती पूजा |
रति अनंग हैं मस्त, ढूंढ़ता मुर्गा चूजा ||



वंशीधर का मोहना, राधा-मुद्रा मस्त । 
नाचे नौ मन तेल बिन, किन्तु नागरिक त्रस्त । 

किन्तु नागरिक त्रस्त, मगन मन मोहन चुप्पा । 
पाई रहा बटोर, धकेले लेकिन कुप्पा । 

बीते बाइस साल, हुई मुद्रा विध्वंशी । 
चोरों की बारात, बजाये रविकर वंशी ॥ 


नौ दो ग्यारह होय, निवेशक धन बहु-रूपया

रूपया छा-सठ में फँसा, उन-सठ से हैरान |
इक-सठ कब से मौन है, अड़-सठ सड़-सठियान |

अड़-सठ सड़-सठियान, तीन-तेरह हो जाता |
तीन-पाँच हर वक्त, पञ्च-जन माल खपाता |

मची हुई है लूट, रपट आती है खुफिया |
नौ दो ग्यारह होय, निवेशक धन बहु-रूपया ||


वे आतंकी रुष्ट, व्यर्थ हो जिनकी कसरत -

कसरत सी बी आय की, हो जाती बेकार |
मरती इशरत-जहाँ में, मोदी सर की कार |

मोदी सर की कार, बोल बैठा अमरीका |
लोहे की हे-डली, फ़िदायिन का ले ठीका |

सोमनाथ पर दृष्टि, उड़ाने की थी हशरत |
वे आतंकी रुष्ट, व्यर्थ हो जिनकी कसरत - 

कैसे मुद्रा-पस्त, नहीं घर में हैं दाने-

कैडर से डर डर करे, कैकेयी कै-दस्त |
कैटभ कैकव-अपर्हति, कैसे मुद्रा-पस्त |

कैसे मुद्रा-पस्त, नहीं घर में हैं दाने |
कोंछे में वंचिका, चली जा रही भुनाने |

आये नानी याद, चाल चल रही भयंकर |
दे गरीब के नाम, करे खुश लेकिन कैडर ||

 कैकव-अपर्हति=असली बात बहाने से छिपाना 


भारत सरकार और डॉलर में होगी सीधी वार्ता

Kulwant Happy

बावन गज के थे सभी, लागा लंक कलंक |
रावण संरक्षक हुआ, तब से रहें सशंक |

तब से रहें सशंक, चला उन-सठ से आगे |
इक-सठ मोहन-मौन, करोड़ों लुटे अभागे |

डालर की अरदास, मिनट दो बारह बज के |
पर लौटे ना पास, कभी वह बावन गज के ||

5 comments:

  1. वाह वाह !
    अब तो मैडल पक्का
    कुर्सी भी पक्की
    आई ऎ एस थोडे़ है
    जो निकाल दिया जायेगा !

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  2. :)
    आभारी हूँ !!
    मैंढक तो कुऎँ में गिरे रुपिये को
    सोच रहा था कौन उठायेगा
    उसे कहाँ पता था रविकर
    उसे यहाँ तक खींच के ले आयेगा !

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  3. अच्छे लिंक्स!
    अच्छे लिक्खाड़!

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