Thursday, 11 July 2013

मन्दिर मस्जिद हाट, पहुँच जाते हैं बम ले -



 

हम ले दे के चार मन, दिग्गी मम्मी पूत ।
हमले रो के रोक लें, पर कैसे यमदूत । 
पर कैसे यमदूत, नस्ल कुत्ते की इनकी । 
मार काट का पाठ, पढ़े ये कातिल सनकी । 
मन्दिर मस्जिद हाट, पहुँच जाते हैं बम ले । 
पुलिस जोहती बाट, भाग जाते कर हमले ॥ 


जाँचे परखे मामले, मले जाच-दल हाथ |
किस्मत भी देती रही, अपराधी का साथ |
अपराधी का साथ, हाथ जालिम नहिं आवे |
मिलता नहीं सुराग, तथ्य सच को बहकावे |
पाक बांग्लादेश, नक्सली मार तमाचे |
छुपते आय बिहार, आज आतंकी जाँचे ||  |




पुत्रीरूपी रत्न की प्राप्ति


अरुन शर्मा 'अनन्त' 

मेरी मंगल कामना, चल अब उँगली थाम | 
 कर्तव्यों का पालना, सीधा सा पैगाम |
सीधा सा पैगाम, ख्याल रख माँ बेटी का |
रहे स्वस्थ खुशहाल, सीख ले तुरत सलीका |
अरुण-मनीषाशीश, मिलें खुशियाँ बहुतेरी |
सुता यशस्वी होय, विनय सुन मैया मेरी ||

Asha Saxena 

दुनिया की रंगीनियाँ, ढकती असली रंग |
दिखा रंग असली जहाँ, होती पब्लिक दंग |
होती पब्लिक दंग, नग्नता देख देख कर |
होती श्रद्धा भंग, करे क्या दीदी रविकर |
टेढ़ापन पहचान, नहीं कर पाती गुनिया |
कर जाता वह हानि, ठगी जाती है दुनिया-


तनिक सियासत से भी डरिए -

एस पी को देता उड़ा, किन्तु खून नहिं खौल ।
शासन शव-आसन करे, रहा असलहा तौल । । 
नक्सल को अब कहाँ पकड़िए । 
 तनिक सियासत से भी डरिए ।। 
हो जाए कुदरत खफा, मारे बीस हजार । 
राहत की चाहत लिए, हो भवसागर पार । 
लाश पास में रखकर सडिये। 
 तनिक सियासत से भी डरिए ।।

मंदिर में विस्फोट हो, करते बंद प्रदेश । 
लेना देना कुछ नहीं,  दे जनता को क्लेश ॥ 
ऐसे मरिये वैसे मरिये । 
 तनिक सियासत से भी डरिए ।।

बच्ची चच्ची दादियाँ, झेले हत्या रेप । 
नामर्दों की हरकतें, गया मर्द जब खेप ॥
धरना धरा प्रदर्शन करिए
 तनिक सियासत से भी डरिए ।।

8 comments:

  1. हार्दिक आभार आदरणीय गुरुदेव श्री आशीष के रूप में सुन्दर कुण्डलिया छंद पुत्री को मिला. हार्दिक आभार आपका.

    बोध कराती सत्य से, देती सुन्दर ज्ञान,
    कुण्डलिया गुरुदेव की, करती प्रेम प्रदान,
    करती प्रेम प्रदान, ख़ुशी का मार्ग दिखाए,
    जीवन का निर्वाह, करना कैसे सिखाए,
    लाख टके की बात, गुरुवर कही सुबोध,
    पूर्ण सत्य से मुझे, कुंडली कराती बोध....

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  2. बहुत सुन्दर...

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  3. चारों ओर नजर है, वाणी भी मुखऱ है!

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  4. वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब प्रस्तुति,,,

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  5. हम ले दे के चार मन, दिग्गी मम्मी पूत ।
    हमले रो के रोक लें, पर कैसे यमदूत ।
    पर कैसे यमदूत, नस्ल कुत्ते की इनकी ।
    मार काट का पाठ, पढ़े ये कातिल सनकी ।
    मन्दिर मस्जिद हाट, पहुँच जाते हैं बम ले ।
    पुलिस जोहती बाट, भाग जाते कर हमले ॥

    बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब !

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  6. मेरी मंगल कामना, चल अब उँगली थाम |
    कर्तव्यों का पालना, सीधा सा पैगाम |
    सीधा सा पैगाम, ख्याल रख माँ बेटी का |
    रहे स्वस्थ खुशहाल, सीख ले तुरत सलीका |
    अरुण-मनीषाशीश, मिलें खुशियाँ बहुतेरी |
    सुता यशस्वी होय, विनय सुन मैया मेरी ||

    ॐ शान्ति अपने निज आनंद स्वरूप अपने स्वमान में रहे महालक्ष्मी .

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  7. अपराधी का साथ, हाथ जालिम नहिं आवे |
    मिलता नहीं सुराग, तथ्य सच को बहकावे |
    हाथ को भ्रष्टाचार का लकवा मार गया है, रविकर जी !

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