अखिलेश सरकार अपनी विफलताओं को तुष्टिकरण की आड़ में छुपाना चाहती है !!
पूरण खण्डेलवाल
अधिकारी का हौंसला, तोड़े बारम्बार | तोड़े बारम्बार, शक्ति दुर्गा की तोड़े | सच्चाई की हार, वोट कुछ दल ने जोड़े | छलता सत्ता-असुर, सिंह रह गया उछलता | हुवा फेल अखिलेश, छुपाता सतत विफलता | |
बनाने वाले ने हमें भी अगर, ऐसा ऐ काश बनाया होता
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
खोजो शाला इक बड़ी, पढ़ते जहाँ अमीर |
मनचाहा साथी चुनो, सुन राँझे इक हीर | सुन राँझे इक हीर, चीर कर दिखा कलेजा | सुना घरेलू पीर, रोज खा उसका भेजा | प्रथम पुरुष को पाय, लगाए दिल वह बाला | समय गया पर बीत, पुत्र हित खोजो शाला || |
कीचड़ तो तैयार, मगर क्या कमल खिलेंगे-
कमल खिलेंगे बहुत पर, राहु-केतु हैं बंकु |
चौदह के चौपाल की, है उम्मीद त्रिशंकु | है उम्मीद त्रिशंकु, भानुमति खोल पिटारा | करे रोज इफ्तार, धर्म-निरपेक्षी नारा | ले "मकार" को साध, कुशासन फिर से देंगे | कीचड़ तो तैयार, मगर क्या कमल खिलेंगे--
*Minority
*Muthuvel-Karunanidhi
*Mulaayam
*Maayaa
*Mamta
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दुर्गा पर भारी पड़े, शुतुरमुर्ग के अंड |
भस्मासुर को दे सकी, आज नहीं वह दंड | आज नहीं वह दंड, नोयडा खाण्डव-वन है | कौरव का उत्पात, हारते पाण्डव जन हैं | फिर अंधे धृतराष्ट्र, दुशासन बेढब गुर्गा | बदल पक्ष अखिलेश, हटाते आई एस दुर्गा- |
अपना ही दामाद, क्लीन चिट छापे अप्पा-
गट्टा पकड़े जाँच-दल, पर पट्ठा की ट्रिक्स |
मैच फिक्स करता रहा, करे जाँच अब फिक्स | करे जाँच अब फिक्स, बड़े दाउद का बप्पा | अपना ही दामाद, क्लीन चिट छापे अप्पा | बी सी सी आई राज, लगा इज्जत पर बट्टा | अपने क्लब पर नाज, छुड़ा के भागे गट्टा || |
Bahut Badhiya, aabhaar aapka !
ReplyDeleteअच्छी टिप्पणियों के साथ सूत्रों को सजाया है !!
ReplyDeleteसादर आभार !!
बहुत बढिया..
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर हर शब्द अर्थ गर्भित भाव संसिक्त शैली अपना मार्दव लिए है भाषिक सौन्दर्य भी देखते ही बनता है।
खोजो शाला इक बड़ी, पढ़ते जहाँ अमीर |
मनचाहा साथी चुनो, सुन राँझे इक हीर |
सुन राँझे इक हीर, चीर कर दिखा कलेजा |
सुना घरेलू पीर, रोज खा उसका भेजा |
प्रथम पुरुष को पाय, लगाए दिल वह बाला |
समय गया पर बीत, पुत्र हित खोजो शाला ||
क्या बात है रविकर का ज़वाब नहीं .
माँ दुर्गा को ही आज जरूरत है
ReplyDeleteआदमी की जो लड़ सके उसके लिये
आदमी जो खुद अपने लिये नहीं
लड़ पा रहा है उससे दुर्गा के लिये
आज लड़ने के लिये कहा जा रहा है !