रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
बढ़िया चर्चा कर रहे, गुरुवर मौका पाय |
तरह तरह के रंग भर, चर्चा मंच सजाय | चर्चा मंच सजाय, आज की छटा निराली | खिल उठता हर फूल, देखकर सच्चा माली | रविकर रहा वसूल, मिठाई का अब खर्चा | पाठक करो क़ुबूल, निमंत्रण, बढ़िया चर्चा || |
शिक्षा
दिखा समस्तीपुर रहा, मस्ती-मार समस्त |
तर-ऊपर कुल बेंच रख, बच्चे बैठे पस्त |
बच्चे बैठे पस्त, कक्ष इक चार सैकड़ा |
देख सुशासन नीति, रहा सो कहाँ बेवड़ा |
है बिहार का हाल, डुबा सूखे में कश्ती |
लेकिन सी एम् साब, हमेशा दिखा समस्ती ||
दिखा समस्तीपुर रहा, मस्ती-मार समस्त |
तर-ऊपर कुल बेंच रख, बच्चे बैठे पस्त |
बच्चे बैठे पस्त, कक्ष इक चार सैकड़ा |
देख सुशासन नीति, रहा सो कहाँ बेवड़ा |
है बिहार का हाल, डुबा सूखे में कश्ती |
लेकिन सी एम् साब, हमेशा दिखा समस्ती ||
राँझना बनने से अच्छा"'भगत या आजाद""ही बन जाऊं....Rudraksh group mohali play with my emotions..
Admin Deep
सचमुच उच्च विचार हैं , साधुवाद हे वीर |
सद्प्रयास करते रहें, बढ़िया है तकदीर | बढ़िया है तकदीर, हीर का तलबगार क्या ? अर्पित करूँ शरीर, राष्ट्र से बड़ा प्यार क्या ? रविकर का आशीष, इश्क क्या करना गुपचुप | मरे राँझड़ा रोज, भगत सा बनना सचमुच || |
" पड़ोसियों की दुआओं " से पैदा हुए माननीय सांसदों ने ओबामा जी को बनाया , अपना …… " बाप " !!??
PD
SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN
and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of
PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.)
ओ बामा ओ व्याहता, जाती हो क्यूँ रूठ |
पाँच साल के बाद ही, बनती कुर्सी ठूठ |
बनती कुर्सी ठूठ, झूठ हो सत्ता रानी |
देकर हमें तलाक, करो मोदी अडवानी |
हम कांग्रेसी साथ, खोल करके पाजामा |
करने चले गुहार, रोक मोदी ओबामा ||
तालीमी हालात हों, या हो मिड डे मील
रहे सुशासन मौन अब, मनमोहन से डील
मनमोहन से डील, पैर में चोट लगाईं
स्वयं कुल्हाड़ी मार, मौन हो जाता भाई
लगा गया आरोप, विपक्षी को दे गाली
खुद की गलती तोप, बजाये सी एम् ताली
|
दुर्मर-दामिनि देह, दुधमुहाँ-दानव ताके-
छोरा छलता छागिका, छद्म-रूप छलछंद |
नाबालिग *नाभील रति, जुवेनियल पाबन्द |
जुवेनियल पाबन्द, महीने चन्द बिता के |
दुर्मर-दामिनि देह, दुधमुहाँ-दानव ताके-
दीदी दादी बोल, भूज छाती पर होरा |
पा कानूनी झोल, छलेगा पुन: छिछोरा ||
*स्त्रियों के कमर के नीचे का भाग
छोरा छलता छागिका, छद्म-रूप छलछंद |
नाबालिग *नाभील रति, जुवेनियल पाबन्द |
जुवेनियल पाबन्द, महीने चन्द बिता के |
दुर्मर-दामिनि देह, दुधमुहाँ-दानव ताके-
दीदी दादी बोल, भूज छाती पर होरा |
पा कानूनी झोल, छलेगा पुन: छिछोरा ||
*स्त्रियों के कमर के नीचे का भाग
लागे सिन्धी सा हमें, शब्द पचानी मित्र |
कांग्रेसी मैं जन्म से, अपना शुद्ध चरित्र |
अपना शुद्ध चरित्र, ठेठ गांधी वादी हूँ |
खाता बही बहाय, नकद का ही आदी हूँ -
जमा किया जो राशि, रखूं सब अपने आगे |
अडवानी से रार, पचानी दुश्मन लागे || |
सकते में हैं आमजन, सुनकर नई दलील
दंगे से नंगे हुवे, आई एम् बके शकील आई एम् बके शकील, कील आखिरी लगाईं गया गो-धरा भूल, भूल जाता अधमाई दंगों का इतिहास, कहीं पूरा जो बकते लगा विकट आरॊप, भला फिर कैसे सकते |
बेचैन आत्मा
खेत मढैया बहि-बहि जाई |
जब बिहार का बाँध टुटाई |
शहर गाँव सब कुछ बह जाई
उड़नखटोला आय बचाई |
तब सावन आगमन बुझाई-
बड़ी बेहैया खुब हरियाई -
विद्यालय मा शिविर चलाई -
कुल राहत अधिकारी खाई |
मतनी कोदों चलो पकाई -
तब सावन आगमन बुझाई-
खेत मढैया बहि-बहि जाई |
जब बिहार का बाँध टुटाई |
शहर गाँव सब कुछ बह जाई
उड़नखटोला आय बचाई |
तब सावन आगमन बुझाई-
बड़ी बेहैया खुब हरियाई -
विद्यालय मा शिविर चलाई -
कुल राहत अधिकारी खाई |
मतनी कोदों चलो पकाई -
तब सावन आगमन बुझाई-
सुन्दर !!
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteजबरदस्त ... कुंडली हलचल ...
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