देश बड़ा है घर की बनाते हैं
सुशील
भाँजा पञ्जा में मगन, भाई थामे तीर |
कमल कमंडल हाथ में, लिए भतीजा वीर | लिए भतीजा वीर, बैठ हाथी पर बीबी | पुत्र साइकिल साथ, मुलायम बड़े करीबी | बढ़िया किया जुगाड़, सभी झंडे घर गाँजा | सत्ता तक है पहुँच, मुहल्ले रविकर भाँजा || |
कौन कहता है हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं
Bamulahija dot Com
खाते पीते लोग हम, हैं सारे संजोग । नहीं भुखमरी हो यहाँ, नहीं कुपोषित लोग । नहीं कुपोषित लोग, आयरन गोली खाए । देह करे इनकार, खाय के पलटी आये । खाकर मरते आज, मील मिड डे हैं पाते - खोते ये पंजाब, आज बच्चों को खाते - |
साम्प्रदायिकता की आड़ में नाकामियों पर पर्दा डालनें की कोशिश !!
पूरण खण्डेलवाल
शंखनाद -
नाकारी सरकार से, गिरते अन्धे-कूप |
आई है नाकामियाँ, सत्ता नाना रूप | सत्ता नाना रूप, दुबारा नानी मरती | घटती जाए ग्रोथ, नहीं मँहगाई थमती | मोदी सत्य उवाच, हदें तोड़ें ये सारी | अबकी मौका पाय, हटा सत्ता नाकारी || |
स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति* से छुटकारा -
आधा बेंचा खेत तो, पूरा किया दहेज़* |
आधा बाँटे बहन फिर, स्वर्ग पिता* को भेज |
स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति* से छुटकारा |
बाँटी आधा माल, करे फिर ब्याह दुबारा |
रविकर नौ मन तेल, नहीं नाचे फिर राधा |
हुवे पुरुष कुल फेल, पास होता इक-आधा ||
*नए कानूनों के परिप्रेक्ष्य में -
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सुन्दर और अच्छे सूत्रों का संयोजन और उतनी ही सटीक कुंडलियाँ !!
ReplyDeleteसादर आभार !!
भाँजा पञ्जा में मगन, भाई थामे तीर |
ReplyDeleteकमल कमंडल हाथ में, लिए भतीजा वीर |
लिए भतीजा वीर, बैठ हाथी पर बीबी |
पुत्र साइकिल साथ, मुलायम बड़े करीबी |
बढ़िया किया जुगाड़, सभी झंडे घर गाँजा |
सत्ता तक है पहुँच, मुहल्ले रविकर भाँजा ||
Ha-ha-ha Sateek, ravikar jee !
achchhe sutra..
ReplyDeleteबहुत सुदर लिंक्स
ReplyDeleteबढिया
यथार्थपरक
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