Wednesday, 17 July 2013

सत्ता नाना रूप, दुबारा नानी मरती-



साम्प्रदायिकता की आड़ में नाकामियों पर पर्दा डालनें की कोशिश !!


पूरण खण्डेलवाल 


 नाकारी सरकार से, गिरते अन्धे-कूप |
आई है नाकामियाँ, सत्ता नाना रूप |

सत्ता नाना रूप, दुबारा नानी मरती |
घटती जाए ग्रोथ, नहीं मँहगाई थमती |

मोदी सत्य उवाच, हदें तोड़ें ये सारी  |
अबकी मौका पाय, हटा सत्ता नाकारी ||



haresh Kumar 

घटना पर घटना घटे, घटे नहीं सन्ताप |
थे तो लाख उपाय पर, बाँट रहे दो लाख |
बाँट रहे दो लाख, नहीं बच्चे बच पाए |
मुआवजा ऐलान, दुशासन साख बचाए |
बच्चे छोड़ें जगत, छोड़ते वे नहिं पटना ।
बके बड़ा षड्यंत्र,  विपक्षी करते घटना ||



छोटी सी यह जिंदगी, कर ले मनुवा प्यार |
दूरी लम्बी ले बना, जो करते तकरार |


जो करते तकरार, निराशा में हैं डूबे |
खाना करें खराब, जिंदगी से भी ऊबे |


रविकर चल चुपचाप, बचा कर लाज-लंगोटी |
सदा गाँठ में बाँध, सीख ये छोटी छोटी ||


मिसरा,मतला,मक्ता,रदीफ़,काफिया,ने खुद्दारी की थी -सतीश सक्सेना


सतीश सक्सेना


पल्लेदारी खुब करी, बोरा ढोया ढेर । 
 शब्द-अर्थ बोरा किया, रहा आज तक हेर । 

रहा आज तक हेर, फेर नहिं अब तक समझा। 
छा जाए अंधेर, काफिया मिसरा उलझा । 

उड़ा रहे उस्ताद, बना हुक्के से छल्ले । 
पायें पल पल दाद, पड़े नहिं रविकर पल्ले ॥ 



अफरा-तफरी मच गई, खा के मिड-डे मील |
अफसर तफरी कर रहे, बीस छात्र लें लील। 


बीस छात्र लें लील, ढील सत्ता की दीखे |
मुवावजा ऐलान, यही इक ढर्रा सीखे |

आने लगे बयान, पार्टियां बिफरी बिफरी |
किन्तु जा रही जान, मची है अफरा तफरी ||


8 comments:

  1. सुन्दर सूत्र सजावट !!
    सादर आभार !!

    ReplyDelete
  2. सुन्दर प्रस्तुति-

    ReplyDelete
  3. वाह...बहुत सुन्दर और शानदार टिप्पणियां!

    ReplyDelete
  4. सुन्दर प्रस्तुति-

    ReplyDelete
  5. सुन्दर प्रस्तुति-

    ReplyDelete
  6. सुन्दर लिंक सहित!! आभार!!

    ReplyDelete