साम्प्रदायिकता की आड़ में नाकामियों पर पर्दा डालनें की कोशिश !!
पूरण खण्डेलवाल
शंखनाद -
नाकारी सरकार से, गिरते अन्धे-कूप |
आई है नाकामियाँ, सत्ता नाना रूप | सत्ता नाना रूप, दुबारा नानी मरती | घटती जाए ग्रोथ, नहीं मँहगाई थमती | मोदी सत्य उवाच, हदें तोड़ें ये सारी | अबकी मौका पाय, हटा सत्ता नाकारी || |
haresh Kumar
घटना पर घटना घटे, घटे नहीं सन्ताप |
थे तो लाख उपाय पर, बाँट रहे दो लाख | बाँट रहे दो लाख, नहीं बच्चे बच पाए | मुआवजा ऐलान, दुशासन साख बचाए | बच्चे छोड़ें जगत, छोड़ते वे नहिं पटना । बके बड़ा षड्यंत्र, विपक्षी करते घटना || |
गार्बेज ट्रक (कूडा-वाहन)
सुज्ञ
छोटी सी यह जिंदगी, कर ले मनुवा प्यार |
दूरी लम्बी ले बना, जो करते तकरार | जो करते तकरार, निराशा में हैं डूबे | खाना करें खराब, जिंदगी से भी ऊबे | रविकर चल चुपचाप, बचा कर लाज-लंगोटी | सदा गाँठ में बाँध, सीख ये छोटी छोटी || |
मिसरा,मतला,मक्ता,रदीफ़,काफिया,ने खुद्दारी की थी -सतीश सक्सेना
सतीश सक्सेना
पल्लेदारी खुब करी, बोरा ढोया ढेर । शब्द-अर्थ बोरा किया, रहा आज तक हेर । रहा आज तक हेर, फेर नहिं अब तक समझा। छा जाए अंधेर, काफिया मिसरा उलझा । उड़ा रहे उस्ताद, बना हुक्के से छल्ले । पायें पल पल दाद, पड़े नहिं रविकर पल्ले ॥ |
अफरा-तफरी मच गई, खा के मिड-डे मील |
अफसर तफरी कर रहे, बीस छात्र लें लील।
बीस छात्र लें लील, ढील सत्ता की दीखे |
मुवावजा ऐलान, यही इक ढर्रा सीखे | आने लगे बयान, पार्टियां बिफरी बिफरी | किन्तु जा रही जान, मची है अफरा तफरी || |
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteसुन्दर सूत्र सजावट !!
ReplyDeleteसादर आभार !!
सुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteवाह...बहुत सुन्दर और शानदार टिप्पणियां!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteसुन्दर लिंक सहित!! आभार!!
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