ताऊ रामपुरिया
उत्सुकता वश पूछता, रोगी टेबुल टेक | रोगी टेबुल टेक, महोदय हेतु बताना | मेरा पहला केस, किन्तु तुम मत घबराना | चीर-फाड़ जब सफल, गले में अपने डाला | अगर बिगड़ता केस, डलेगी तुम पर माला || |
छंद कुण्डलिया : मिलें गहरे में मोतीअरुण कुमार निगम
चंचल मन का साधना, सचमुच गुरुतर कार्य |
गुरु तर-कीबें दें बता, करूँ निवेदन आर्य | करूँ निवेदन आर्य, उतरता जाऊं गहरे | वहाँ प्रबल संघर्ष, नहीं नियमों के पहरे | बाहर का उन्माद, बने अन्तर की हलचल | दे लहरों को मात, तलहटी ज्यादा चंचल || |
कौन टाइप के हो समीर भाई
Girish Billore
नुक्कड़ -
सदर सदारत जबर जबलपुर, लम्ब्रेटा की लम्बी चाल | कुदरत का खुबसूरत टुकड़ा, देखा समझा बाल-बवाल | खुश्बू वाला पान चबाये, होंठों को कर लेते लाल | दीवारों पर नई कलाकृति, अब भी क्या देते हैं डाल -- |
सत्यार्थमित्र
वर्धा में फिर होगा महामंथन
औगढ़ के औकात की, सुगढ़ होयगी जाँच |
ब्लॉगिंग के ये वर्ष दस, परखे पावन आँच |
परखे पावन आँच , बड़े व्याख्यान कराये |
वर्धा को आभार, विश्वविद्यालय आये |
बीता शैशव काल, रही दुनिया खुब लिख पढ़ |
हित साधे साहित्य, सुधरते रविकर औगढ़ ||
ब्लॉगिंग के ये वर्ष दस, परखे पावन आँच |
परखे पावन आँच , बड़े व्याख्यान कराये |
वर्धा को आभार, विश्वविद्यालय आये |
बीता शैशव काल, रही दुनिया खुब लिख पढ़ |
हित साधे साहित्य, सुधरते रविकर औगढ़ ||
pramod joshi
गाना ढपली पर फ़िदा, सुने नहीं फ़रियाद |
पड़े मूल्य करना अदा, धिक् धिक् मत-उन्माद | धिक् धिक् मत-उन्माद, रवैया तानाशाही | चमचे देते दाद, करें दिन रात उगाही | राज्य नए मुख्तार, और भी कई बनाना | और उठे आवाज, बना जो तेलंगाना || |
समीर जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कुंडलियाँ है आपने बनाई !
चंचल मन की साधना, पर......
ReplyDeleteआँखें दोनों बंद हों , देह शिथिल श्रीमान्
करें श्वास महसूस फिर, शुरू कीजिये ध्यान
शुरू कीजिये ध्यान , विचारों को आने दें
कीजे नहीं प्रयास , विचारों को जाने दें
होंगी इक दिन मित्र,नियंत्रित मन की पाँखें
गहराई में डूब , खुलेंगी मन की आँखें ||
बाँछे रविकर खिल गई, मिल जाता गुरु मन्त्र |
Deleteहिलता तब अस्तित्व था, अब हिलता तनु-तंत्र |
अब हिलता तनु-तंत्र, देह पर नहीं नियंत्रण |
हो कैसे फिर ध्यान, करूँ कैसे प्रभु अर्पण |
बड़ी कठिन यह राह, पसीना बरबस काछे |
शेष रहे संघर्ष, पिछड़ती रविकर *बाँछे ||
*इच्छा