(१)
चिल्ला किल्ला गाड़कर, किल्ली रोज घुमाय ।
सदा नए जुमले गढ़ें , प्रतिद्वंदी घबराय ।
प्रतिद्वंदी घबराय, ढूँढ़ता वही सहारा ।
बुर्के में छिप जाय, बचे नहिं कोई चारा ।
रविकर को अफ़सोस, कार से कुचला पिल्ला ।
जले रेल में लोग, मरे सब चिल्ला चिल्ला -
(२)
कारें चलती रोड पर, कुत्ता गया दबाय ।
बस में बस अफ़सोस ही, क्या है अन्य उपाय ।
क्या है अन्य उपाय, पाय क्षतिपूर्ति बराबर ।
चालक आगे जाय,टाल कर वहीँ कुअवसर ।
जान बूझ कर आप, नहीं ना कुत्ता मारें ।
मिला यही अभिशाप, चलें यूँ ही सर-कारें ॥
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क्यों जी क्यों न कहें हिंदू राष्ट्रवादी
नकारात्मक ग्रोथ से, होवे बेडा गर्क ।
सकल घरेलू मस्तियाँ, इन्हें पड़े नहिं फर्क-
आम जिंदगी नर्क बनाए ।
पर परिवर्तन नहीं सुहाए ॥
रोटी थाली की छीने, चाहे रोजी जाय ।
छद्म धर्म निरपेक्षता, मौला ना मन भाय -
फिर भी फिर सरकार बनाये ।
पर परिवर्तन नहीं सुहाए ॥
पाक बांग्लादेश से, दुश्मन की घुसपैठ ।
सीमा में घुस चाइना, रहा रोज ही ऐंठ -
अन्दर वह सीमा सरकाए ।
पर परिवर्तन नहीं सुहाए ॥
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Neeraj Kumar
मिला यही अभिशाप, चलें यूँ ही सर-कारें -
निकली अक्कल दाढ़ अब, झारखंड दरबार |
कार चलाना छोड़ कर, चला रहे |सरकार
चला रहे सरकार, मरे ना कोई पिल्ला |
करे नक्सली वार, सके ना पब्लिक चिल्ला |
कर ले बन्दर-बाँट, कसर पूरी कर पिछली |
अंधे हाथ बटेर,, लाटरी रविकर निकली ||
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कारें चलती रोड पर, कुत्ता गया दबाय-
कारें चलती रोड पर, कुत्ता गया दबाय ।
बस में बस अफ़सोस ही, क्या है अन्य उपाय ।
क्या है अन्य उपाय, पाय क्षतिपूर्ति बराबर ।
चालक आगे जाय,टाल कर वहीँ कुअवसर ।
जान बूझ कर आप, नहीं ना कुत्ता मारें ।
मिला यही अभिशाप, चलें यूँ ही सर-कारें ॥
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बहुत बढ़िया..
ReplyDeletebahut sundar rachna hai ji aapki !! beti ko aashirwad dene par aapka dhanywad !!
ReplyDeleteमस्त ... सभी को साथ ले लिया आज तो ...
ReplyDeletenice.
ReplyDeleteवाह !!! बहुत खूब,सभी कुण्डलियाँ लाजबाब लगी ,,,
ReplyDeleteRECENT POST : अपनी पहचान
वाह !
ReplyDeletegurudew bahut hi khubsurat rachana.......
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