मनीषा के जन्मदिवस पर गुरुदेव श्री शास्त्री सर का अनमोल उपहार
दूल्हा दुलहन को मिले, सबका स्नेहाशीष |
कहता जग दूधो नहा, पूतो फलो मनीष |
पूतो फलो मनीष, मनीषा अरुण मुबारक |
मानवता से प्रेम, युगल हो प्रेम प्रचारक |
रविकर ब्रेक के बाद, पोतता अपना चूल्हा |
होली के पकवान, ग्रहण कर दुलहिन दूल्हा ||
सर जी ,सुन्दर स्नेहाशीष," दुल्हे की सूरत ये बताती है,याद
ReplyDeleteदुल्हन की बहुत सताती है,दुल्हन के देखने अदा दिल में हज़र हसरतें जगती है ......)जब तक गंग जमुन की धरा
अचल रहे अहिवात तुम्हारा ......
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया मधु जी
Deleteआदरणीय गुरुदेव श्री सादर प्रणाम आशीष पाकर तन मन ह्रदय भाव विभोर हो उठा, इतनी सुन्दर कुण्डलिया, आप गुरुजनों एवं मित्रों के द्वारा मनीषा और मुझे ऐसा सुन्दर उपहार मिला जिसका कोई मोल ही नहीं है, हार्दिक आभार आदरणीय.
ReplyDeleteपूतो फलो मनीष, मनीषा अरुण मुबारक |
ReplyDeleteमानवता से प्रेम, युगल हो प्रेम प्रचारक |बहुत उम्दा,रविकर जी,,,
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मनीषा जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई ... आभार इस प्रस्तुति के लिये
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार2/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है
ReplyDeleteजन्म दिन की बधाई |
ReplyDeleteमेरा भी शुभाशीष..
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