Kuldeep Sing
सुनती कर्ण पुकार है, अब जा के सरकार | सोलह के सम्बन्ध से, निश्चय हो उद्धार | निश्चय हो उद्धार, बिना व्याही माओं के | होंगे कर्ण अपार, कुँवारी कन्याओं के | अट्ठारह में ब्याह, गोद में लेकर कुन्ती | फेरे घूमे सात, उलाहन क्यूँ कर सुनती || |
वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री दिगंबर नासवा
ताऊ रामपुरिया
रानी बन कर कर रही, ताई कब से मौज |
रखती है मुर्गा बना, तले कलेजा रोज |
तले कलेजा रोज , खरी खोटी पकडाती |
सोलह से तैयार, स्वयं डोली सजवाती |
धिक् धिक् यह सरकार, आज की नई कहानी |
अब आया कानून, बात यह बड़ी पुरानी |
कमीने क़ानून बनाने वाले--
ZEAL
बलात्कारियों में वोटबैंकDr.Ashutosh Mishra "Ashu"
My Unveil Emotions
पाए सत्ता कवच अब, कुंडल पाए स्वर्ण | घर घर में कुन्ती हुई, बच्चा आया कर्ण | बच्चा आया कर्ण , जलालत नहीं होयगी- आया है अधिनियम, नहीं अब मातु खोयगी | दुर्योधन का मित्र, दुशासन ख़ुशी मनाये | हैं प्रसन्न धृतराष्ट्र, कलेजा ठंढक पाए |
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बहन बेटी बिन मिनिस्टर,
सोच में कुछ भला कब था-
ब्याह से पहले हुवे सच,
किन्तु माँ से पला कब था |
कर्ण दुर्योधन दुशासन,
और शकुनी मिल गए हैं-
विदुर चुप रहते विषय पर,
भीष्म का कुछ चला कब था |
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आदरणीय गुरुदेव श्री सादर प्रणाम बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया का माला पिरोई है आपने एक से सुन्दर एक हार्दिक बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteइतना घटिया स्तर हो सकता है सियासत का, इसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी। सियासत का बेशर्म चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है । बहुत ही सार्थक कुंडलियाँ.
ReplyDeleteसुनती कर्ण पुकार है, अब जा के सरकार |
ReplyDeleteसोलह के सम्बन्ध से, निश्चय हो उद्धार |
निश्चय हो उद्धार, बिना व्याही माओं के |
होंगे कर्ण अपार, कुँवारी कन्याओं के |
अट्ठारह में ब्याह, गोद में लेकर कुन्ती |
फेरे घूमे सात, उलाहन क्यूँ कर सुनती ||
बहुत खूब कही ,सही कही .अ विवाहित माताओं का देश बनेगा मेरा भारत .षोडशी कन्याओं की सहमती प्राप्त करने का नया दौर शुरू होगा .
एक ज्वलंत समस्या कि और ध्यान खींचती आपकी कुंडलिया और उतने ही सुन्दर लिंक !!
ReplyDeleteआभार मान्यवर !!
कुंडलियों के मोती ... सुन्दर ... आभार ...
ReplyDeleteसभी सार्थक और बढ़िया लिनक्स ...
ReplyDeleteसभी की एक ही आवाज़...
साभार....
kundalio ki sundar ladiya (mala)
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