Tuesday, 5 March 2013

हों बुजुर्ग खुशहाल, सही सेहत आजादी-




हैप्पी बर्थड़े ... अम्मा !!

शिवम् मिश्रा 


दादी को शुभकामना, कार्तिक का अंदाज |
प्यारा प्यारा पौत्र दे, गोदी रहा विराज |

गोदी रहा विराज, नाज करता दादी पर |
मिला पिता विद्वान, शुक्रिया का यह अवसर |

हों बुजुर्ग खुशहाल, सही सेहत आजादी |
रविकर करे प्रणाम, खिलाये कार्तिक दादी ||



अभ्युदय के जन्मदिन पर


Kailash Sharma 

खुशियाँ हो भरपूर, कीर्तिवान हो जगत में ।
हो मनोकामना-पूर्ण, प्यारे बाबा के सकल ।।

बिद्या-बुद्धि शौर्य, शारद दुर्गा भेंटती ।
संयम निष्ठा धैर्य, मात-पिता गुरु से मिले ।।

अभ्युदय खुशहाल, होय निरोगी देह पुष्ट ।
बाबा रहे सँभाल, बाबा को नित पूज रे  ।।

....बोझ


Saras 



पोसा जाता इत अहम्, उत एक्स्ट्रा की चाह |
अपने अपने कर्म पर, रखते युगल निगाह |


रखते युगल निगाह, घरेलू जिम्मेदारी |
मिलकर लेते बाँट, नहीं कोई आभारी |


बढती जाए आयु, बढे कुछ अधिक भरोसा |
ह्यूमर होता शून्य, अहम् दोनों ने पोसा ||



शापित सुनार
प्रतुल वशिष्ठ 
    ॥ दर्शन-प्राशन ॥

विषयी वतसादन वेश धरे विषठा भख भीषण रूप धरे ।
हतवीर्य हरे हथियाय हठात हताहत हेय कुकर्म करे । 

विषयी=कामुक  वतसादन=भेड़िया  विषठा=मल  हतवीर्य=नपुंसक 


 सुकुमारि सकारण युद्ध लड़े विषपुच्छन को बहुतै अखरे ।
मनसा कर निष्फल दुष्टन की मन सज्जन में शुभ जोश भरे । 

 विषपुच्छन =विच्छू  

प्रवीण शाह 

 गोड़े उर्वर खेत को, काटे सज्जन वृन्द । 

इसके क्रिया-कलाप है, जमींदार मानिन्द । 


जमींदार मानिन्द , सताता  रहे रियाया । 

मुजरिम देख  दबंग, सामने जा रिरियाया । 


देख काल आपात, कमांडर तनहा छोड़े । 

लेकर भागे जान, पुलिस में भरे भगोड़े  ॥

ज़िया उल हक़ सीओ की हत्या पर समाज का एक विश्लेषण


DR. ANWER JAMAL 

हरकत यह अच्छी नहीं, छोड़ सिपहसालार |
करे हवाले मौत के, होवें साथी पार |

होवें साथी पार, लड़ाई आर-पार की |
वर्दी को धिक्कार, जिंदगी ले उधार की -

होकर के सस्पेंड, दुबारा होगी शिरकत |
लेकिन अफसर अन्य, सहे ना इनकी हरकत ||

 pragyan-vigyan
चिंतन दर्शन सम हुआ, कविता है अभिव्यक्ति |
वैज्ञानिक अध्यात्म से, ग्रहण करें नहिं शक्ति | 


ग्रहण करें नहिं शक्ति, भेद करना ही सीखा -
करते वर्गीकरण, तर्क  कर जाते तीखा |


रविकर ताक अभेद, मिलें द्वय जुड़े चिरन्तन |
कर मानव कल्याण, धर्म से सम्यक चिंतन ||

7 comments:

  1. शुक्रिया रविकर जी !!!

    ReplyDelete
  2. 1- हैप्पी बर्थड़े ... अम्मा !!
    2- अभ्युदय को जन्मदिन की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर काव्य-टिप्पणियां...आभार

    ReplyDelete
  4. खुशियाँ हो भरपूर, कीर्तिवान हो जगत में ।
    हो मनोकामना-पूर्ण, प्यारे बाबा के सकल ।।
    बिद्या-बुद्धि शौर्य, शारद दुर्गा भेंटती ।
    संयम निष्ठा धैर्य, मात-पिता गुरु से मिले ।।
    अभ्युदय खुशहाल, होय निरोगी देह पुष्ट ।
    बाबा रहे सँभाल, बाबा को नित पूज रे ।। बहुत लाजबाब प्रस्तुति,,,

    ReplyDelete
  5. .
    .
    .
    आदरणीय रविकर जी,

    आपकी त्वरित काव्य-टीपें पोस्टों को एक नया आयाम दे जाती हैं... बहुत बहुत आभार आपका !


    ...

    ReplyDelete