औरत की तरक्क़ी जारी है...Dr. Ayaz Ahmad |
औरत रत निज कर्म में, मिला सफलता मन्त्र ।
सेहत से हत भाग्य पर, नरम सुरक्षा तंत्र ।
नरम सुरक्षा तंत्र, जरायम बढ़ते जाते ।
करता हवश शिकार, नहीं कामुक घबराते ।
जिन्सी ताल्लुकात, तरक्की करता भारत ।
शादी बिन बारात, बिचारी अब भी औरत ॥
बोल गया परवेज, परेशां पाकी बटके -
लटके झटके पाक हैं, पर नीयत नापाक |
ख्वाजा के दरबार में, राजा रगड़े नाक |
राजा रगड़े नाक, जियारत अमन-चैन हित |
हरदम हावी फौज, रहे किस तरह सुरक्षित |
बोल गया परवेज, परेशां पाकी बटके |
सिर पर उत तलवार, इधर कुल मसले लटके ||
कोताही कर्तव्य में, मांगे नित अधिकार-
मोटी चमड़ी मनुज की, महाचंट मक्कार ।
कोताही कर्तव्य में, मांगे नित अधिकार ।
मांगे नित अधिकार, हुआ है आग-बबूला ।
बोये पेड़ बबूल, आम पर झूले झूला ।
दे दूजे को सीख, रखे खुद नीयत खोटी ।
रविकर इन्हें सुधार, मार के चपत *चमोटी ॥
*चाबुक
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डॉ शिखा कौशिक ''नूतन ''
छोड़े सज्जन शॉर्टकट, उधर भयंकर लूट |
देर भली अंधेर से, पकड़ें लम्बा रूट |
चुनो सुरक्षित मार्ग, सिखाते पापा मम्मी |
लिए नौ लखा हार, सुरक्षा घेरा तोड़े |
बाला लापरवाह, लुटा करके ही छोड़े || |
क्यूंकि स्त्री मात्र देह ही तो है.......उपासना सियाग |
हारा कुल अस्तित्व ही, जीता छद्म विचार |
वैदेही तक देह कुल, होती रही शिकार |
होती रही शिकार, प्रपंची पुरुष विकारी |
चले चाल छल दम्भ, मकड़ जाले में नारी |
सहनशीलता त्याग, पढाये पुरुष पहारा |
ठगे नारि को रोज, झूठ का लिए सहारा ||
मूर्ख दिवस या नारी दिवस ...?
tarun_kt
हिला हिला सा हिन्द है, हिले हिले लिक्खाड़ |
भांजे महिला दिवस पर, देते भूत पछाड़ |
देते भूत पछाड़, दहाड़े भारत वंशी |
भांजे भांजी मार, चाल चलते हैं कंसी |
बड़े ढपोरी शंख, दिखाते ख़्वाब रुपहला |
महिला नहिं महफूज, दिवस बेमकसद महिला ||
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हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम
तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||
अक्सर गम-गम, थम-थम, अब थम |
शठ-शम शठ-शम, व्यर्थम - व्यर्थम ||
दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम | तन तन हर-दम *समदन सम-सम || *युद्ध |
मोटी चमड़ी मनुज की, महाचंट मक्कार ।
ReplyDeleteकोताही कर्तव्य में, मांगे नित अधिकार ।
मांगे नित अधिकार, हुआ है आग-बबूला ।
बोये पेड़ बबूल, आम पर झूले झूला ।
दे दूजे को सीख, रखे खुद नीयत खोटी ।
रविकर इन्हें सुधार, मार के चपत *चमोटी ॥
बहुत बेहतरीन रविकर जी,,,,
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (10-03-2013) के चर्चा मंच 1179 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteगुरूजी बहुत ही बढ़िया | आपकी पोस्ट पढ़कर आनंद आ जाता है |
ReplyDeleteबहुत उम्दा!
ReplyDelete--
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ...!