"मेरी पौत्री प्राची की वर्षगाँठ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
प्राची को शुभकामना, जन्म दिवस शुभ छंद |
बल बुद्धि विद्या तेज मन, रहे स्वस्थ सानन्द ||
सदा
धूप-हौसले से सदा, पिघले हिम-परवाह | जल-प्रवाह से मनुज यह, पाए जीवन थाह- |
देव आशीष
Maheshwari kaneri
पौरा पोतक पौत्र पे, करे निछावर प्यार ।
माया बंधन ना कहें, यह है स्नेह दुलार ।
यह है स्नेह दुलार, मुबारक होवे दादी ।
देखभाल खिलवाड़, करो नित नहीं मुनादी ।
रविकर का आशीष, ख़ुशी से गूंजे चौरा ।
रहे स्वस्थ सानन्द, होय बल बुद्धि पौरा ॥
पौरा =आगमन
पोतक=तीन माह का
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
बड़ी बुआ का घर मिला, भैया फुफ्फु जात ।
क्वात्रोची दादा सरिस, अपने रिश्ते नात ।
अपने रिश्ते नात, यहाँ जलवा है भारी ।
भारत के अभिजात, मानते हैं महतारी ।
बाल न बांका होय, अगर अपना हो आका ।
काके रह निश्चिन्त, स्नेह है बड़ी बुआ का ॥
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मैं कहीं रहूं ....
Dr (Miss) Sharad Singh
चाहे मथुरा जा बसे, जाय द्वारिका द्वीप |
होली के हुडदंग में, आये कृष्ण समीप | आये कृष्ण समीप, मार पिचकारी गीला | छुप छुप मारे टीप, रास आती है लीला | किन्तु कालिया-नाग, आज मिलता चौराहे | करता अनुचित मांग, खेलना होली चाहे || |
pankhuri goel
आकांक्षा छूने चली, उचक उचक आकाश | नखत चकाचक टिमटिमा, उड़ा रहे उपहास- |
प्रश्न मोक्ष का है खड़ा, लेकर गजब तिलस्म | कई तीन-तेरह हुवे, चले अनवरत रस्म || |
!!..शायद ,मैं फेल हो गई.. !!
सरिता भाटिया
सुनी सनाई बात पर , मत करना विश्वास |
अंतरात्मा जो कहे, वही सत्य है ख़ास || |
अजमा ले गर जोर, नहीं कानून टूटता-
अट्ठारह से कम वयस, बल्ले बल्ले बोल ।
सोलह की लेगा पटा, विद्यालय में डोल ।
विद्यालय में डोल, पटा के मजा लूटता ।
अजमा ले गर जोर, नहीं कानून टूटता ।
मजनूं कालेज छोड़, इधर हो रहे इकट्ठा ।
विद्यालय का मोड़, रोज जाता अब पट्ठा ॥
सहमति से सम्भोग कि उम्र १६ साल , सही या गलत !!
पूरण खण्डेलवाल
अट्ठारह सोलह लड़े, भूला सतरह साल |
कम्प्रोमाइज करो झट, टालो तर्क बवाल |
टालो तर्क बवाल, आयु सतरह करवाओ |
करो नहीं अंधेर, सख्त कानून बनाओ |
फास्ट ट्रैक में केस, जड़ों पे डालो मठ्ठा |
नाशों पाप समूल, बिठा मत मंत्री भट्ठा ||
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बड़े बड़े उपबंध हैं, संहारक सौ शस्त्र |
काम शास्त्र आये नहीं, कर देगा निर्वस्त्र |
कर देगा निर्वस्त्र, नहीं हो सके जमानत |
हो आजीवन जेल, अमानत अगर खयानत |
पर झूठे मक्कार, अगर जायेंगे पकडे |
सख्त बहुत कानून, टूट जायेंगे जबड़े ||
मौज करो दो साल, नहीं तू बालिग बेटा-
(1)
लड़का कालेज छोड़ता, भाँप रिस्क आसन्न |
क्लास-मेट को हर समय, करना पड़े प्रसन्न | करना पड़े प्रसन्न, धौंस हर समय दिखाती | काला चश्मा डाल, केस का भय दिखलाती | है इसका क्या तोड़, रोज देती हैं हड़का | लूंगा आँखे फोड़, आज बोल है लड़का || |
जबरदस्त रंग बिखेरे हैं आपने !!
ReplyDeleteआभार मान्यवर !!
बढिया लिंक्स
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स संयोजित किये हैं आपने आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसभी टिप्पणियाँ मन भावन है!
ReplyDeleteरविकर जी आपका आभार!
प्राची धन्य हुई आपका शुभाशीष पाकर!
इन लिन्क्स से गुज़रना अच्छा लगा।
ReplyDeleteआभार आप का..
ReplyDeleteबहुत सुंदर संयोजन है लिनक्स के ,
ReplyDeleteखूबसूरत रंग-बिरंगे लिनक्स महोदय
साभार..............
रविकर जी, बहुत बहुत धन्यवाद लिंक लिक्खाड़ में शामिल करने के लिए...
ReplyDeleteइतने सारे और खूबसूरती से पेश किये गये लिंक्स....आपकी इस मेहनत की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है.... सभी लिंक्स दिलचस्प हैं...
रविकर जी ,इधर देर से आ पाई इस बार.विभिन्न रंगों की कड़ियाँ सुन्दर लड़ी बन कर आई हैं .लालित्यम् को सम्मिलित किया बहुत आभार आपका .!
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