मछुवारों के मौत का, अभी फैसला दूर ।
अभी फैसला दूर, मिली नहिं चॉपर फ़ाइल ।
कातिल गए स्वदेश, फंसा इक और मिसाइल ।
भेजे सुप्रिम-कोर्ट, देखिये बढ़ी बेबसी ।
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लीक-खींचना है भला, लीक-पीटना हेय | बाबा का यह कूप है, इसीलिए जल पेय | इसीलिए जल पेय, प्रदूषित चाहे जितना | बरसे झम झम मेह, होय क्या उससे हित ना | अपनी अपनी सोच, सोच से आँख मीच ना | लिखे लेखनी लेख्य, अनवरत लीक खींचना ||
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साफ़ सूपड़ा कर रहा, रोज मीडिया बोल-
साफ़ सूपड़ा कर रहा, रोज मीडिया बोल ।
अर्थ हारकर खोजता, शब्दकोश को खोल ।
शब्दकोश को खोल, जरा मतलब समझाओ ।
हुई कहाँ उत्पत्ति, जरा इतिहास बताओ ।
आकर्षक यह शब्द, कमाए शब्द रोकडा ।
भाव समझ कापुरुष, अन्यथा साफ़ सूपड़ा ॥ |
बेहतरीन लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
ReplyDeleteबहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.
ReplyDeleteवाह जी वाह ... मस्त लिंक संकलन ओर परिचय ...
ReplyDelete1
ReplyDeleteटली वापसी सिरों की, पाक-जियारत पूर ।
मछुवारों के मौत का, अभी फैसला दूर ।
अभी फैसला दूर, मिली नहिं चॉपर फ़ाइल ।
कातिल गए स्वदेश, फंसा इक और मिसाइल ।
भेजे सुप्रिम-कोर्ट, देखिये बढ़ी बेबसी ।
कातिल नातेदार, नहीं देगा अब इटली ॥
इन सियासती धंधे बाजों से अजमेर शरीफ के भाई आबेदीन ईमान वाले हैं जिन्होनें पाकी प्रधान मंत्री को जियारत क़राने से इनकार कर दिया ,और वह बैसाखियाँ खाने वाला विदेशमंत्री ४८ लोगों को जो पाकी काफिले में शामिल थे फ़ाइव कोर्स लंच देने से बाज़ न आया ,आतंकी मुल्कों को ज़िमाने की बान अब मौत के बाद ही जायेगी .
भाव पूर्ण अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteआशा
कार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभार रविकर जी
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