सकते में हैं जिंदगी, माँ - बहनों की आज |
सकते में हैं जिंदगी, माँ - बहनों की आज |
प्रश्न चिन्ह सम्बन्ध पर, आय नारि को लाज |
आय नारि को लाज, लाज लुट रही सड़क पर |
दब जाए आवाज, वहीँ पर जाती है मर |
कहीं नहीं महफूज, दुष्ट मिल जाँय बहकते |
बने सुर्खियाँ न्यूज, नहीं कुछ भी कर सकते ||
दादी दिल दिखता दुखित, द्रवित दिव्यतम तेज ।
देख पार्टी की दशा, रही लानतें भेज । रही लानतें भेज, किया था प्राण निछावर । सत्ता लोलुप लोग, चाहते केवल पावर । कल बेटा कुर्बान, टले पोते की शादी । लगा वंश पर दाँव, दुखी हो जाए दादी ॥ |
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मन सूबे से स्वार्थ से, जुड़े धर्म से सोच ।
ReplyDeleteगर्व करें निज वंश पर, रहा अन्य को नोंच ।
रहा अन्य को नोंच, बढ़ी जाती कट्टरता ।
जिनकी सोच उदार, मूल्य वह भारी भरता ।
भारी पड़ते दुष्ट, आज सज्जन मन ऊबे ।
निष्फल करना कठिन, दुर्जनों के मनसूबे ॥
बहुत बढ़िया,,,,रविकर जी,,,,
Recent post: रंग गुलाल है यारो,
बढ़िया गुरूजी ... बहुत सुन्दर लिंक्स |
ReplyDeleteवाह...!
ReplyDeleteसुन्दर टिप्पणियाँ!
दुख का निवारण हक़ देने में है
ReplyDeleteउम्दा पोस्ट के लिए शुक्रिया.