औरतें अपने जैसी औरतों को अपना हमदर्द क्यों न बना सकीं ?
Dr. Ayaz Ahmad
हैरत होती है हमें, करते कडुवी बात |
खरी खरी लिख मारते, भूलो रिश्ते नात |
भूलो रिश्ते नात, सज्जनों को उपदेशा |
लेकिन दुर्जन दुष्ट, करे हैं खोटा पेशा |
गिरेबान में झाँक, सकें ना भोली औरत |
लागू है ड्रेस कोड, उन्हीं पर होती हैरत ||
अंग अनेकन अर्थ भरे लुकवावत हैं रँगवावत हैं-
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 29
मदिरा सवैया
नंग-धडंग अनंग-रती *अकलांत अनंद मनावत हैं ।
रंग बसंत अनंत चढ़ा शर चाप चढ़ाय चलावत हैं ।
लाल हरा हुइ जाय धरा नभ नील सफ़ेद दिखावत हैं ।
अंग अनेकन अर्थ भरे लुकवावत हैं रँगवावत हैं ॥
*ग्लानि-रहित
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -12
सर्ग-3
भाग-1 ब
एक दिवस की बात है, बैठ धूप सब खाँय |
घटना बारह बरस की, सौजा रही सुनाय ||
सौजा दालिम से कहे, वह आतंकी बाघ |
बारह मारे पूस में, पांच मनुज को माघ ||
सेनापति ने रात में, चारा रखा लगाय |
पास ग्राम से किन्तु वह, गया वृद्ध को खाय ||
त्रिजटा के प्रति [ २८ कविताएं]
रवीन्द्र दास
जटाटीर-कैलाश पर, जमते रक्तस्नायु |
रावण सीता को हरे, लड़ कर मरा जटायु |
लड़ कर मरा जटायु, मोक्ष प्रभु राम दिलाते |
क्षिति जल पावक वायु, गगन कुछ ना कर पाते |
टिके "वा-टिके" सीय, डराती दुष्टा कुलटा |
हिम्मत देती किन्तु, सदा बेनामी त्रिजटा ||
मोटी चमड़ी मनुज की, महाचंट मक्कार ।
कोताही कर्तव्य में, मांगे नित अधिकार ।
मांगे नित अधिकार, हुआ है आग-बबूला ।
बोये पेड़ बबूल, आम पर झूले झूला ।
दे दूजे को सीख, रखे खुद नीयत खोटी ।
रविकर इन्हें सुधार, मार के चपत *चमोटी ॥
*चाबुक
लटके झटके पाक हैं, पर नीयत नापाक |
ख्वाजा के दरबार में, राजा रगड़े नाक |
राजा रगड़े नाक, जियारत अमन-चैन हित |
हरदम हावी फौज, रहे किस तरह सुरक्षित |
बोल गया परवेज, परेशां पाकी बटके |
सिर पर उत तलवार, इधर कुल मसले लटके ||
हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम
हर-हर बम-बम, बम-बम धम-धम |
तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||
अकसर गम-गम, थम-थम, अब थम |
शठ-शम शठ-शम, व्यरथम-व्यरथम ||
दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम |
तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
*युद्ध
*करवर पर हम, समरथ सकछम |
अनरथ कर कम, झट-पट भर दम ||
*विपत्ति
भकभक जल यम, मरदन मरहम |
हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम ||
औरतें अपने जैसी औरतों को अपना हमदर्द क्यों न बना सकीं ?
Dr. Ayaz Ahmad
हैरत होती है हमें, करते कडुवी बात |
खरी खरी लिख मारते, भूलो रिश्ते नात |
भूलो रिश्ते नात, सज्जनों को उपदेशा |
लेकिन दुर्जन दुष्ट, करे हैं खोटा पेशा |
गिरेबान में झाँक, सकें ना भोली औरत |
लागू है ड्रेस कोड, उन्हीं पर होती हैरत ||
अंग अनेकन अर्थ भरे लुकवावत हैं रँगवावत हैं-
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 29
मदिरा सवैया
नंग-धडंग अनंग-रती *अकलांत अनंद मनावत हैं ।
रंग बसंत अनंत चढ़ा शर चाप चढ़ाय चलावत हैं ।
लाल हरा हुइ जाय धरा नभ नील सफ़ेद दिखावत हैं ।
अंग अनेकन अर्थ भरे लुकवावत हैं रँगवावत हैं ॥
*ग्लानि-रहित
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -12
सर्ग-3
भाग-1 ब
एक दिवस की बात है, बैठ धूप सब खाँय |
घटना बारह बरस की, सौजा रही सुनाय ||
सौजा दालिम से कहे, वह आतंकी बाघ |
बारह मारे पूस में, पांच मनुज को माघ ||
सेनापति ने रात में, चारा रखा लगाय |
पास ग्राम से किन्तु वह, गया वृद्ध को खाय ||
त्रिजटा के प्रति [ २८ कविताएं]
रवीन्द्र दास
जटाटीर-कैलाश पर, जमते रक्तस्नायु |
रावण सीता को हरे, लड़ कर मरा जटायु | लड़ कर मरा जटायु, मोक्ष प्रभु राम दिलाते | क्षिति जल पावक वायु, गगन कुछ ना कर पाते | टिके "वा-टिके" सीय, डराती दुष्टा कुलटा | हिम्मत देती किन्तु, सदा बेनामी त्रिजटा || |
मोटी चमड़ी मनुज की, महाचंट मक्कार ।
कोताही कर्तव्य में, मांगे नित अधिकार ।
मांगे नित अधिकार, हुआ है आग-बबूला ।
बोये पेड़ बबूल, आम पर झूले झूला ।
दे दूजे को सीख, रखे खुद नीयत खोटी ।
रविकर इन्हें सुधार, मार के चपत *चमोटी ॥
*चाबुक
|
लटके झटके पाक हैं, पर नीयत नापाक |
ख्वाजा के दरबार में, राजा रगड़े नाक |
राजा रगड़े नाक, जियारत अमन-चैन हित |
हरदम हावी फौज, रहे किस तरह सुरक्षित |
बोल गया परवेज, परेशां पाकी बटके |
सिर पर उत तलवार, इधर कुल मसले लटके ||
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हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम
हर-हर बम-बम, बम-बम धम-धम |
तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||
अकसर गम-गम, थम-थम, अब थम |
शठ-शम शठ-शम, व्यरथम-व्यरथम ||
दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम |
तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
*युद्ध
*करवर पर हम, समरथ सकछम |
अनरथ कर कम, झट-पट भर दम ||
*विपत्ति
भकभक जल यम, मरदन मरहम |
हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम ||
श्री ग़ाफ़िल जी आज शिव आराधना में लीन है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी सम्मिलित किया जा रहा है।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-03-2013) के हे शिव ! जागो !! (चर्चा मंच-1180) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बेहतरीन लिंक्स संयोजन
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