वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री दिगंबर नासवा
ताऊ रामपुरिया
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बलात्कारियों में वोटबैंक
Dr.Ashutosh Mishra "Ashu"
My Unveil Emotions
पाए सत्ता कवच अब, कुंडल पाए स्वर्ण | घर घर में कुन्ती हुई, बच्चा आया कर्ण | बच्चा आया कर्ण , जलालत नहीं होयगी- आया है अधिनियम, नहीं अब मातु खोयगी | दुर्योधन का मित्र, दुशासन ख़ुशी मनाये | हैं प्रसन्न धृतराष्ट्र, कलेजा ठंढक पाए | |
Kuldeep Sing
सुनती कर्ण पुकार है, अब जा के सरकार | सोलह के सम्बन्ध से, निश्चय हो उद्धार | निश्चय हो उद्धार, बिना व्याही माओं के | होंगे कर्ण अपार, कुँवारी कन्याओं के | अट्ठारह में ब्याह, गोद में लेकर कुन्ती | फेरे घूमे सात, उलाहन क्यूँ कर सुनती || |
कमीने क़ानून बनाने वाले--
ZEAL
(1)
लड़का कालेज छोड़ता, भाँप रिस्क आसन्न |
क्लास-मेट को हर समय, करना पड़े प्रसन्न | करना पड़े प्रसन्न, धौंस हर समय दिखाती | काला चश्मा डाल, केस का भय दिखलाती | है इसका क्या तोड़, रोज देती हैं हड़का | लूंगा आँखे फोड़, आज बोल है लड़का ||
(2)
बेटा भूलो नीति को, काला चश्मा डाल ।
दुनिया के करते चलो, सारे कठिन सवाल ।
सारे कठिन सवाल, भोग सहमति से करना ।
पूछ उम्र हर हाल, नहीं तो करना भरना ।
संस्कार जा भूल, पडेगा नहीं चपेटा ।
मौज करो दो साल, नहीं तू बालिग बेटा ॥
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कह कुम्भ विशुद्ध जियारत हज्ज नहीं फतवावन से डरता -
(१) दुर्मिल सवैया इबराहिम इंगन इल्म इहाँ इजहार मुहब्बत का करता । पयगम्बर का वह नाम लिए कुल धर्मन में इकता भरता । कह कुम्भ विशुद्ध जियारत हज्ज नहीं फतवावन से डरता । इनसान इमान इकंठ इतो इत कर्मन ते जल से तरता ॥ इंगन=हृदय का भाव इकंठ=इकठ्ठा (२) सुंदरी सवैया हरिद्वार, प्रयाग, उजैन मने शुभ नासिक कुम्भ मुहूरत आये । जय गंग तरंग सरस्वति माँ यमुना सरि संगम पावन भाये । मन पुष्प लिए इक दोन सजे, जल बीच खड़े तब धूप जलाये । इसलाम सनातन धर्म रँगे दुइ हाथन से जल बीच तिराए ॥ |
बहन बेटी बिन मिनिस्टर,
सोच में कुछ भला कब था-
ब्याह से पहले हुवे सच,
किन्तु माँ से पला कब था |
कर्ण दुर्योधन दुशासन,
और शकुनी मिल गए हैं-
विदुर चुप रहते विषय पर,
भीष्म का कुछ चला कब था |
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नाहक चिंता कर रहे, मातु-पिता कर्तव्य |
हक़ है हर औलाद का, मातु पिता हैं *हव्य | मातु पिता हैं *हव्य, सहेंगे हरदम झटका | वह तो सह-उत्पाद, मिलन के पांच मिनट का | खोदो खुद से कूप, बरसते नहीं बलाहक | होय छांह या धूप, करो मत चिंता नाहक || हवन-सामग्री- |
bahut hi sundaravm vividhtaon se yukt links sir ji
ReplyDeleteअति उत्तम सर जी , आभार !
ReplyDeleteबहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण उम्दा टिप्पड़ियों की साथ,आभार आदरणीय.
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