Wednesday, 13 March 2013

टिटिहरी मारक तभी, जब अण्डों पर घात-


   

विफल होती हमारी विदेशनीति खतरा बढ़ा रही है !!

पूरण खण्डेलवाल 
टिटिहरी मारक तभी, जब अण्डों पर घात । 
अन्यथा बैठी रहे, करती पश्चाताप । 

करती पश्चाताप, पाक भी शीश काट दे । 
चॉपर लिया खरीद, दलाली यहाँ बाँट दे । 

मल्लाहों को मार, भागते सैनिक इटली । 
विफल हो रही नीति, बड़े सस्ते में बिकली -

फागुन आने को है (बुधवार की चर्चा-1182)

जन्म-दिवस की शुभकामनायें  
 कविवर हे इंजीनियर, प्रभु-प्रिय मित्र प्रदीप |
बार बार शुभकामना, रहते हृदय समीप | 

रहते हृदय समीप, यशस्वी होवे जीवन |
सुख समृद्ध सौहार्द, ख़ुशी से किलके आँगन |

रहो हमेशा स्वस्थ, बढे बल-विद्या रविकर |

है प्रभु का आशीष, कीजिये कविता कविवर ||

साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं ) 

अर्ज सुनिये

कोई चारा है नहीं, बेचारा गोपाल |
गोकुल से कब का गया, गोपी कुल बेहाल |


गोपी कुल बेहाल, पञ्च कन्या पांचाली |
बढ़ा बढ़ा के चीर, बचाया उसको खाली |


वंशी भी बेचैन, ताल सुर वाणी खोई |
खुद बन दुर्गा शक्ति, नहीं आयेगा कोई ||

काजल कुमार Kajal Kumar 
 लूट लूट कर पास रख, नियमित करके पास । 
 मुझको अपना ले बना, नक्सल जैसा दास । 
 
नक्सल जैसा दास, लाल गलियारा देखो । 
हर चुनाव में जीत, कभी नहिं हारा देखो । 

चम्बल का बल मान, बोल दे फूट फूट कर । 
संरक्षण दे अगर, बूथ दूँ लूट लूट कर ॥  

सुज्ञ  

लो हा हा सुन लो विकट, कण-लोहा पर मार |
लौह हथौड़ा पीटता, कण चिल्लाय अपार |

कण चिल्लाय अपार, नहीं सह पाता चोटें |
रहा बिरादर मार, होय दिल टोटे टोटे |

अपनों की यह मार, नहीं लोहा को सोहा ||
स्वर्ण सहे चुपचाप, चोट मारे जब लोहा |





मनसायन आयन मन्मथ भायन मानस वेग बढ़ा कसके |

रजनी सजनी मधुचन्द मिली, मकु खेल-कुलेल पड़ा लसके-

अब स्वप्न भरोस करे मनुवा पिय आय रहो हिय में बसके-

खट राग लगे कुल रात जगे मन मौज करे रजके हँसके |





6 comments:

  1. बढ़िया काव्य टीका -टिपण्णी रविकर जी !

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  2. कविवर हे इंजीनियर, प्रभु-प्रिय मित्र प्रदीप |
    बार बार शुभकामना, रहते हृदय समीप |

    रहते हृदय समीप, यशस्वी होवे जीवन |
    सुख समृद्ध सौहार्द, ख़ुशी से किलके आँगन |

    रहो हमेशा स्वस्थ, बढे बल-विद्या रविकर |
    है प्रभु का आशीष, कीजिये कविता कविवर ||

    इस विनम्र प्रतिभा को हमारी भी दिल से बधाई विकसें-खिलें रचना आकाश पर .

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  3. बहुत सुन्दर ढंग से टिपियाया है आपने सभी को!

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  4. guruji bahut badiya.... kya rang bikhere hain aapne....gazab dha diya | aapse aur aapki posts se roz kuch na kuch naya seekhne ko milta hai | bahut bahut aabhar |

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  5. बहुत सुन्दर तरीके से सजाया है !!
    आभार !!

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  6. सुन्दर अंदाज और सार्थक टिप्पणियाँ के साथ बेहतरीन प्रस्तुति.

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