आमोदी दादी दुखी, जा दोजख में देश | 
पोते को लेता फँसा, पी एम् पद की रेस | 
पी एम् पद की रेस, मरे क्या सारे नेता  | 
क्यूँ नेहरू की रेस, मिटाए बबलू देता  | 
रे पोते नादान, खिलाया तुझको गोदी | 
झटपट करले व्याह, छोड़ मोदी आमोदी |   
 | 
 
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -12
सर्ग-3 
भाग-1 ब 
एक दिवस की बात है, बैठ धूप सब खाँय | 
घटना बारह बरस की, सौजा रही सुनाय || 
 सौजा दालिम से कहे, वह आतंकी बाघ | 
बारह मारे पूस में, पांच मनुज को माघ || 
सेनापति ने रात में, चारा रखा लगाय | 
पास ग्राम से किन्तु वह, गया वृद्ध को खाय || 
 | 
 
 " प्राञ्जल की  14वीं वर्षगाँठ"   (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 
प्रिय प्राञ्जल आशीष है, कल था नेट से दूर | छिन्नमस्तिके मातु से, मिले प्यार भरपूर | मिले प्यार भरपूर, शक्तिपीठों में आये | बावन हैं यह पीठ, सती ने स्वयं बनाए | यश फैले चहुँओर, होय मंगल ही मंगल | बाढ़े बुद्धि विवेक, स्वास्थ्य उत्तम प्रिय प्राञ्जल |  | 
| 
 
 
 DR. ANWER JAMAL  
  हरकत यह अच्छी नहीं, छोड़ सिपहसालार | 
करे हवाले मौत के, होवें साथी पार | 
होवें साथी पार, लड़ाई आर-पार की | 
वर्दी को धिक्कार, जिंदगी ले उधार की - 
होकर के सस्पेंड, दुबारा होगी शिरकत | 
लेकिन अफसर अन्य, सहे ना इनकी हरकत || 
 | 
 
निष्फल करना कठिन, दुर्जनों के मनसूबे -
मन सूबे से स्वार्थ से, जुड़े धर्म से सोच ।  
गर्व करें निज वंश पर, रहा अन्य को नोंच ।  
रहा अन्य को नोंच, बढ़ी जाती कट्टरता ।  
जिनकी सोच उदार, मूल्य वह भारी भरता ।  
भारी पड़ते दुष्ट, आज सज्जन मन ऊबे । निष्फल करना कठिन, दुर्जनों के मनसूबे ॥  | 
 
 
आदरणीय गुरुदेव श्री सादर प्रणाम, बेहद सुन्दर कुण्डलिया छंद लाजवाब प्रस्तुति हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteबढ़िया कमेंट!
ReplyDeleteआभार रविकर जी।
एक दिवस की बात है, बैठ धूप सब खाँय |
ReplyDeleteघटना बारह बरस की, सौजा रही सुनाय ||
सुन्दर प्रस्तुति .
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
ReplyDeleteदादी दिल दिखता दुखित, द्रवित दिव्यतम तेज ।
ReplyDeleteदेख पार्टी की दशा, रही लानतें भेज ।
रही लानतें भेज, किया था प्राण निछावर ।
सत्ता लोलुप लोग, चाहते केवल पावर ।
कल बेटा कुर्बान, टले पोते की शादी ।
लगा वंश पर दाँव, दुखी हो जाए दादी ॥
Dadi ke naajaayaj bhi bahut hai , varnshankaro ki karani bhog rahe hai saare
DeleteShubh Diwas !
बेहतरीन links
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
Adaraniy,
DeleteRachana ko aapaka ashirwad mila , prasannataa hui
thodaa dukhi hun Salaman Khurshid ke saath Pak PM ke swaagat ko nahi jaa sakaa , aapake kya vichar hai ?
:)
Shubh Diwas !