अन्नाबाबा की पुत्रवधू पारुल और पुत्र अंशुल की प्रथम वैवाहिक वर्षगांठ है आज
अद्भुत अंशुल की सदा, प्यारी पारुल प्रीत ।
वर्षगाँठ मनती रहें, बने रहे मनमीत ।।
"कुछ हिस्सों का पटाक्षेप कभी नहीं होता " (चर्चा मंच-908)
लौटा बुद्धू घर को आया, लम्बा बहुत प्रवास रहा |
स्नेह-सिक्त पवनों के झोंके, अभिनव बेहद ख़ास रहा |
स्नेह-सिक्त पवनों के झोंके, अभिनव बेहद ख़ास रहा |
सुबह सुबह आकर बैठा हूँ, भीषण गर्मी अकुलाये -
कल से नियमित फिर आऊँगा, आज तलक अवकाश रहा ||
चिरकुट-चूहों से बचाओ !
संतोष त्रिवेदी
चिरकुट चूहों की हरकत पर, "चाची" का *चूँचरा सुना ।
*बहाना/ विरोध
आज तलक क्या सफ़ेद हाथी, गन्ना खाकर मरा सुना ??
आज अन्न पर प्रेक्टिस करते, कल अन्ना को धरा सुना ।
जनता से सत्ता ना डरती, ज्ञापन से क्या डरा सुना ??
आओ स्वागत वीर बहादुर,तलवार उठा लो फिर से,
ReplyDeleteघूम-घाम के सब जग देखा,मगन रहो अब फिर से !!
बेहतरीन अभिव्यक्ति, सुंदर रचना,,,,, ,
ReplyDeleteMY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट है .लौट के आये रविकर जी ,फिर से छाये रविकर जी ,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteआप आये, बहार आई!
बहुत बढिया।
ReplyDeleteआपका अंदाज़ लाजवाब है ... पारुल और अंशुल कों बधाई ...
ReplyDeleteमित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
ReplyDeleteपैदल ही आ जाइए, महंगा है पेट्रोल ||
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बुधवारीय चर्चा मंच ।
मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
ReplyDeleteपैदल ही आ जाइए, महंगा है पेट्रोल ||
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बुधवारीय चर्चा मंच ।
बढ़िया सूत्र...
ReplyDeleteसादर