सौवीं पोस्ट और आप सबका अपार स्नेह .... थैंक यू.....!
करता चित्त प्रसन्न अति,शुभ कोना चैतन्य |
पोस्ट शतक पहला हुआ, पढ़कर पाठक धन्य |
पढ़कर पाठक धन्य, बढ़ी उम्मीदें बेशक |
है रविकर विश्वास , करोगे कोशिश भरसक |
रहो सदा चैतन्य, जगत में नाम कमाओ |
कई क्षेत्र शुभ अन्य, सभी में शतक जमाओ ||
"हमारे घर में रहते हैं, हमें चूना लगाते हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
सुन्दर प्रस्तुति आपकी, मनभावन उत्कृष्ट |
स्वीकारो शुभकामना, अति-रुचिकर है पृष्ट |
स्वीकारो शुभकामना, अति-रुचिकर है पृष्ट |
अति-रुचिकर है पृष्ट, सृष्ट की रीत पुरानी |
कहें गधे को बाप, नहीं यह गलत बयानी |
पर पाए संताप, नकारे गधा अगरचे |
करे आर्त आलाप, बुद्धि फिर नाहक खरचे ||
हिंदी ब्लॉगर को प्रताड़ित करता अंग्रेजी विकिपीडिया.
ZEAL at ZEAL -विकीपीडिया मीडिया, रक्खे आगे सोच |
कत्ल हकीकत का करे, पंख सत्य के नोच |
पंख सत्य के नोच, खोंच हर जगह लगावे |
खुद को लगे खरोंच, बेवजह शोर मचावे |
डाक्टर वर्मा धन्य, अन्य दूजे न पूजे |
रविकर जस चैतन्य, सत्य दुनिया में गूँजे |
पुस्तकें मानव की सबसे बड़ी मित्र हैं ...
सदा at SADA -
सदा पुस्तकें हैं रहीं, अभिनव उत्तम मित्र ।
देश काल विज्ञान भू , वर्णन करें सचित्र ।
वर्णन करें सचित्र, परम मानव हितकारी ।
मुफ्त लुटाती ज्ञान, सदा रविकर आभारी ।
एक एक ये युग्म, सही सन्देश सुनाएँ ।
इन्टरनेट का काल, इन्हें लेकिन अपनाएँ ।
माँ-सी माँ सी थपकियाँ, मिली झिडकियां प्यार ।
गोदी में लेकर चलीं, बहुत बहुत आभार ।
बहुत बहुत आभार, खफा क्यूँ हुई आज माँ ।
प्यार भरी तकरार, गिरा के गई गाज माँ ।
श्रद्धा-सुमन चढ़ाय, शांत की करूँ कामना ।
मौसी प्रभु के धाम, सत्य का करूँ सामना ।।
अलविदा पिंकी मौसी ...
माँ-सी माँ सी थपकियाँ, मिली झिडकियां प्यार ।
गोदी में लेकर चलीं, बहुत बहुत आभार ।
बहुत बहुत आभार, खफा क्यूँ हुई आज माँ ।
प्यार भरी तकरार, गिरा के गई गाज माँ ।
श्रद्धा-सुमन चढ़ाय, शांत की करूँ कामना ।
मौसी प्रभु के धाम, सत्य का करूँ सामना ।।
वाह ... बहुत ही बढिया ।
ReplyDeleteलाजवाब .. वाह
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका .... चैतन्य के लिए रची पंक्तियाँ बहुत प्यारी हैं.....
ReplyDeleteबहुत ही बढिया ।....
ReplyDeleteसुंदर !!
ReplyDeleteनाम से अच्छा नामा नहीं होता क्या?
Thank You Ravikar uncleji
ReplyDeleteबेहद सुन्दर प्रस्तुति है आपकी विकीपीडिया मीडिया, रक्खे आगे सोच |
ReplyDeleteकत्ल हकीकत का करे, पंख सत्य के नोच |सारी ये मूल रचनाए हमने बांचीं हैं .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शनिवार, 30 जून 2012
दीर्घायु के लिए खाद्य :
http://veerubhai1947.blogspot.de/
ज्यादा देर आन लाइन रहना बोले तो टेक्नो ब्रेन बर्न आउट
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
☺
ReplyDeleteबहुत सुंदर अंदाज़.
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