Friday, 22 June 2012

नहीं खेलते खेल, बैठ के दुश्मन गोदी-

ZEALatZEAL
दुर्गति है नीतीश की, मोदी बने विशेष |
खटिया खुद करते खड़ी, खाम्खाह की  रेस |

खाम्खाह की  रेस , स्वार्थ मद अहंकार है |
जाय भाड़ में देश,  जीभ में बड़ी धार है |

रविकर करता गर्व, हमारे नेता मोदी |
नहीं खेलते खेल, बैठ के दुश्मन गोदी ||

व्यवस्था - कहानी

बक्से सा खाली पड़ा, ब्लॉगिंग भरा दिमाग |
करनी पे अपने अड़ा, कैसे जाए जाग ?

कैसे जाए जाग, जगाने वाला आये |
देख जंक बिखराव, तरीके खूब सुझाए   | 

लख विगड़े हालात, नहीं रविकर को बख्से |
लौट जाय बिन बात, घूर अब खाली बक्से ||
 

सन्नाटा....

सन्नाटा काटे खड़ा, जड़ा-पड़ा इंसान ।
क्षिति-जल पावक वायु सह, गगन पञ्च रिसियान । 

गगन पञ्च रिसियान, ध्यान देने की बातें ।
 अपनापन अज्ञान, सिसकते रिश्ते नाते ।

अंतिम घाट शरीर, पीर ना कोई बांटा ।
रखिये मन में धीर, तोडिये मत सन्नाटा ।। 

बिन तुम्हारे......

  Sharad Singh  

 बाता-बाती मद भरी, चित्र करे मदहोश ।
दीप-शिखा की आंच से, मन-मसोस तन जोश ।

मन-मसोस तन जोश,  कोष धीरज का जारे ।
पिया बसे परदेश, सँदेशा लेता जा रे ।

शरद काल की शीत, नहीं सपनों से जाती ।
वापस आ मनमीत, भूल के बाता-बाती ।


7 comments:

  1. लाजवाब... आभार..

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  2. .

    सन्नाटे को चीर, दिवाकर-रविकर आये,
    झन्नाटेदार टिप्पणियों का गुच्छा लाये।

    नाम बहुत है, देश हमारे भारत में बस मोदी' का,
    लेकिन हिंदी-ब्लॉगजगत में कवि न कोई , "रविकर फैजाबादी" सा।

    .

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    1. मोदी जी सिर्फ सीमित है एक राज्य गुजरात,
      रविकर जी के सामने औरों की क्या विसात
      औरों की क्या विसात,करते टिप्पणियों धंधा
      पहुच पोस्टो पर सबके गाड़ते अपना ही झंडा
      ब्लॉग जगत में सब जानते ऐसा उनका काम
      काव्य मय टिप्पणी करके हो गया उनका नाम

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  3. आपकी आशुकविताएं पढकर सही में आनंद आ जाता है|

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  4. वाकई में जमे रहैये
    और टिप्पणी के घोडे़
    दौडा़ते रहिये।

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  5. बहुत बढ़िया...

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