Monday, 25 June 2012

बजरंगी जब थामते, रिचर्ड्स राक्षस कैच-


एक रि पोस्ट - जेहन में बसा है 25 जून 1983 - कपिल देव

शिवम् मिश्रा
बुरा भला
 
बजरंगी जब थामते, रिचर्ड्स राक्षस कैच ।
संजीवनी देते सुंघा, जकड़ा भारत मैच ।
जकड़ा भारत मैच,  कथा पच्चीस जून की ।
"बुरा-भला " आभार, रोमांचित मजमून की ।
विश्व विजय के दृश्य, पुन: ताजा हो जाते ।
बार-बार उत्साह, हमारा  रहे  बढाते ।।
  1. आज के ही दिन कप जीते थे,आज के ही दिन आपातकाल भोगे थे !




    1. याद राखिये वर्ल्ड कप, भूल जाय आपात |
      यह मानव फितरत सखे, समय सहे आघात |
      समय सहे आघात, कलेजा मुंह को आता |
      जैसी करनी राय-बरेली वही दिखाता |
      दीजे ताहि भुलाय, जीत का स्वाद चाखिये |
      कपिल पिलाया पानि, आज बस याद राखिये ||

सच कहो...

Amrita Tanmay   

तन्मय होकर के सुनो, अट्ठारह अध्याय |
भेद खोलता हूँ सकल, रहे कृष्ण घबराय |
रहे कृष्ण घबराय, सीध अर्जुन को पाया |
बेचारा असहाय, बुद्धि से ख़ूब भरमाया |
एक एक करतूत, देखता जाए संजय |
गोपी जस असहाय, नहीं कृष्णा ये तन्मय ||

श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (१८वीं-कड़ी)

Kailash Sharma
Kashish - My Poetry
 

जन्म कर्म योगादि पर, बोल रहे गोपाल |
ध्यान पूर्वक सुन रहे, अस्त्र-शस्त्र सब डाल |
अस्त्र-शस्त्र सब डाल, बाल की खाल निकाले |
महाविराट स्वरूप, तभी तो दर्शन पाले |
अर्जुन होते धन्य, धर्म का राज्य आ गया |
गीता का सन्देश, विश्व में क्रान्ति ला गया ||

हगने हगने मे अंतर

Arunesh c dave at अष्टावक्र
सेंट्रलाइज ए सी लगे,  चकाचौंध से लैस ।
शौचालय में हग रहे, मंत्री करते ऐश ।
मंत्री करते ऐश, गोडसे नाम धरोगे ।
बापू वादी पैंट, बहुत सी गील करोगे 
रविकर एक सुझाव, अजादी दो हगने की ।
खाद बने या खेत, बात तो है लगने की ।।
 

5 comments:

  1. आज के ही दिन कप जीते थे,आज के ही दिन आपातकाल भोगे थे !

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    1. याद राखिये वर्ल्ड कप, भूल जाय आपात |
      यह मानव फितरत सखे, समय सहे आघात |
      समय सहे आघात, कलेजा मुंह को आता |
      जैसी करनी होय, रायबरेली वही दिखाता |
      दीजे ताहि भुलाय, जीत का स्वाद चाखिये |
      कपिल पिलाया पानि, आज बस याद राखिये ||

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  2. आपकी टिप्पणी पढ़ते ही भागी-भागी आई हूँ..मन में आता है ..इन कुंडलियों में कुंडली मार ही बैठ जाया जाए...

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