एक रि पोस्ट - जेहन में बसा है 25 जून 1983 - कपिल देव
शिवम् मिश्रा
बुरा भला
बुरा भला
बजरंगी जब थामते, रिचर्ड्स राक्षस कैच ।
संजीवनी देते सुंघा, जकड़ा भारत मैच ।
जकड़ा भारत मैच, कथा पच्चीस जून की ।
"बुरा-भला " आभार, रोमांचित मजमून की ।
विश्व विजय के दृश्य, पुन: ताजा हो जाते ।
बार-बार उत्साह, हमारा रहे बढाते ।।
जन्म कर्म योगादि पर, बोल रहे गोपाल |
ध्यान पूर्वक सुन रहे, अस्त्र-शस्त्र सब डाल |
अस्त्र-शस्त्र सब डाल, बाल की खाल निकाले |
महाविराट स्वरूप, तभी तो दर्शन पाले |
अर्जुन होते धन्य, धर्म का राज्य आ गया |
गीता का सन्देश, विश्व में क्रान्ति ला गया ||
सच कहो...
Amrita Tanmay
तन्मय होकर के सुनो, अट्ठारह अध्याय |
भेद खोलता हूँ सकल, रहे कृष्ण घबराय |
रहे कृष्ण घबराय, सीध अर्जुन को पाया |
बेचारा असहाय, बुद्धि से ख़ूब भरमाया |
एक एक करतूत, देखता जाए संजय |
गोपी जस असहाय, नहीं कृष्णा ये तन्मय ||
भेद खोलता हूँ सकल, रहे कृष्ण घबराय |
रहे कृष्ण घबराय, सीध अर्जुन को पाया |
बेचारा असहाय, बुद्धि से ख़ूब भरमाया |
एक एक करतूत, देखता जाए संजय |
गोपी जस असहाय, नहीं कृष्णा ये तन्मय ||
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (१८वीं-कड़ी)
जन्म कर्म योगादि पर, बोल रहे गोपाल |
ध्यान पूर्वक सुन रहे, अस्त्र-शस्त्र सब डाल |
अस्त्र-शस्त्र सब डाल, बाल की खाल निकाले |
महाविराट स्वरूप, तभी तो दर्शन पाले |
अर्जुन होते धन्य, धर्म का राज्य आ गया |
गीता का सन्देश, विश्व में क्रान्ति ला गया ||
हगने हगने मे अंतर
Arunesh c dave at अष्टावक्र
सेंट्रलाइज ए सी लगे, चकाचौंध से लैस ।
शौचालय में हग रहे, मंत्री करते ऐश ।
मंत्री करते ऐश, गोडसे नाम धरोगे ।
बापू वादी पैंट, बहुत सी गील करोगे ।
रविकर एक सुझाव, अजादी दो हगने की ।
खाद बने या खेत, बात तो है लगने की ।।
यह मानव फितरत सखे, समय सहे आघात |
समय सहे आघात, कलेजा मुंह को आता |
जैसी करनी राय-बरेली वही दिखाता |
दीजे ताहि भुलाय, जीत का स्वाद चाखिये |
कपिल पिलाया पानि, आज बस याद राखिये ||