कार्टून:- लो और सुनो...
स्वामी स्वामी राष्ट्र के, अच्छी नेक सलाह ।
बड़े मुकदमें बंद हों, वाह वाह वल्लाह ।
वाह वाह वल्लाह , नया मनमोहन पाओ ।
मन-माफिक हो राह, मुहर मन भर लगवाओ ।
कर रविकर आगाह, किया बाबा बदनामी ।
ताक -झाँक का शाह, बड़ा नटखट है स्वामी ।।
सूर्य किरणों द्वारा अग्नि वर्षा कब तक?
गरज हमारी देख के, गरज-गरज घन खूब ।
बिन बरसे वापस हुवे, धमा-चौकड़ी ऊब ।
धमा-चौकड़ी ऊब, खेत-खलिहान तपे हैं ।
तपते सड़क मकान, जीव भगवान् जपे है ।
त्राहिमाम हे राम, पसीना छूटे भारी ।
भीगे ना अरमान, भीगती देह हमारी ।।
एक पुरानी टिप्पणी
एक नए शोध की आवश्यकता है . शिखा कौशिक
भ्रष्टाचारी का सदा, धक्-धक् करे करेज |
जब तक मिले हराम की, करता नहीं गुरेज |
करता नहीं गुरेज, सात पुश्तों की खातिर |
लेकिन लोकायुक्त, कराता छापामारी |
होवे दिल में दर्द, मरे वो भ्रष्टाचारी ||
सटीक टिप्पणियाँ!
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