कार्टून:- ये हुआ कल
ममतामयी मुलामियत, मनमोहनी मिजाज |
अपना खूंटा गाड़ते, हैं इसमें क्या राज ?
अपना खूंटा गाड़ते, हैं इसमें क्या राज ?
हैं इसमें क्या राज, लाज की सोनी कुड़ियां |
देख बिगड़ते काज, भेंटती पैकेज पुड़ियाँ |
बंग करे न तंग, प्रांत उत्तर उत्तमता |
रह जायेंगे दंग, बड़ी बरसेगी ममता ||
कार्टून:- लो और सुनो...
स्वामी स्वामी राष्ट्र के, अच्छी नेक सलाह ।
बड़े मुकदमें बंद हों, वाह वाह वल्लाह ।
वाह वाह वल्लाह , नया मनमोहन पाओ ।
मन-माफिक हो राह, मुहर मन भर लगवाओ ।
कर रविकर आगाह, किया बाबा बदनामी ।
ताक -झाँक का शाह, बड़ा नटखट है स्वामी ।।
सूर्य किरणों द्वारा अग्नि वर्षा कब तक?
गरज हमारी देख के, गरज-गरज घन खूब ।
बिन बरसे वापस हुवे, धमा-चौकड़ी ऊब ।
धमा-चौकड़ी ऊब, खेत-खलिहान तपे हैं ।
तपते सड़क मकान, जीव भगवान् जपे है ।
त्राहिमाम हे राम, पसीना छूटे भारी ।
भीगे ना अरमान, भीगती देह हमारी ।।
राजनीति और मौसम की गर्मी...!
ReplyDelete